अतीश दीपंकर, बूरो चीफ, पटना (बिहार), NIT:
पटना बिहार के चर्चित यूट्यूबर और कम पैसे में पढ़ाने वाले ट्यूशन शिक्षक खान सर से चर्चित फैजल खान को
उत्तराखंड के पद्म श्री डाॅ बी.के.एस. संजय ने स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार से सम्मानित किया।
देहरादून, हमीरपुर, बुन्देलखंड स्थित ब्रह्मानंद महाविद्यालय राठ में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पद्म श्री डॉ संजय, विशिष्ट अतिथि मेघा परमार ने स्वामी ब्रह्मानंद को श्रृद्धांजलि अर्पित की एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मौक पर मुख्य अतिथि पद्म श्री डाॅ. संजय ने अपने संबोधन में कहा कि, परिवर्तन सार्वभौमिक सत्य है । उन्होंन कहा कि, यदि हम किसी भी व्यक्ति में परिवर्तन लाना चाहते हैं तो हमें उसके विचारों को बदलना होगा। जिसके लिए शिक्षा एक अच्छा, सटीक एवं सस्ता माध्यम है। हमारे मनुस्मृति में भी लिखा है कि ‘जन्मना जायते शूद्र संस्कारात द्विज उच्चयते, जिसका मतलब है कि, हर कोई शूद्र के रूप में जन्म लेता है, लेकिन शिक्षा के माध्यम से एक प्रबुद्ध व्यक्ति बन सकता है। हमारे आज के कार्यक्रम के प्रेरणास्रोत स्वामी ब्रह्मानंद ने यह साबित कर दिया।
पद्म श्री डाॅ. संजय ने कहा कि स्वामी ब्रह्मानंद उस समय बुंदेलखंड क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगायी, जब यहां के लोग शिक्षा का महत्व नहीं समझते थें। उन्होंन कहा कि, स्वामी जी के द्वारा शिक्षा प्रसार के लिए बहुत बड़ा मिशन चलाया गया, जिसके लिए गांव-गांव जाकर जमीन, अनाज इकट्ठा कर , घर-घर यह जागरुकता अभियान चलाया। गरीबी तभी दूर होगी, जब आपके बच्चे शिक्षित होंगे। उन्होंने बुराइयों को त्यागने और समाज को जोड़ने के लिए शिक्षा के प्रचार-प्रसार के माध्यम से जो काम किया वह न केवल सराहनीय है बल्कि अतुलनीय भी हैं। यही कारण है कि उनके उत्कृष्ट कार्यों को उस समय के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सराहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके कार्यों को याद किया, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह सब साबित करता है कि वह ना केवल बुंदेलखण्ड के एक भगवा सन्यासी नहीं थें, बल्कि पूरे देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और समाज सुधारक भी थे।
पद्म श्री डाॅ. संजय ने कहा कि हमारे इस प्रांगण के संस्थापक स्वामी ब्रह्मानंद के लिए यह एक उचित श्रद्धांजलि होगी कि उनके दिए हुए आदर्शों का हम सब पालन करें और अपने-अपने सपनों को पूरा करें।
विशिष्ट अतिथि मेघा परमार जिनको ऐवरेस्ट गर्ल के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंन कहा कि लक्ष्य पाये बिना हमें रुकना नहीं चाहिए।
वहीं स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार विजेता खान सर ने कहा कि, स्वामी ब्रह्मानंद का जन्म नहीं, बल्कि अवतार भी हुआ था। उन्होंन कहा कि, शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जिसका बारूद खत्म नहीं होता। स्वामी जी ने इतना बड़ा शिक्षा का मंदिर बनाया है। इसे आगे बढ़ाया जाए।
हमीरपुर जिले में त्यागमूर्ति स्वामी ब्रह्मानंद के निर्वाण दिवस पर स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार 2024 का भव्य आयोजन ब्रह्मानंद महाविद्यालय के अखंड मंदिर हॉल में किया गया।
इस अवसर पर मनोहर सिंह, डॉ. सुरेंद्र सिंह, मुकेश राजपूत, हरचरन फौजी, नरेंद्र राजपूत, धर्मपाल सिंह, ऋषि राजपूत, देवेंद्र महान, रामसजीवन यादव सहित कई लोग थे।
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