नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
मोदी सरकार के दस साल के शानदार कामकाज के बाद विभिन्न सूबों की भाजपा शासित रियासतों में वजीरों के महलों को जनता ने कोर्ट कचहरी बना लिया है। भाजपा नेता गिरीश महाजन के जामनेर स्थित निजी बंगले पर सैकड़ों महिलाएं यह इल्तिज़ा लेकर पहुंची कि बिजली के अभाव से उनके घरों के रोशनदान अंधेरे में समा गए हैं। 2003-2010 के दौरान डंपिंग ग्राउंड और कमजोर बुनियाद पर खड़े किए चार मंजिला इमारतों में 700 से अधिक सरकारी आवास में रहने वाले गरीबों को बिजली बोर्ड आए दिन सता रहा है। हफ्तों तक बिजली गुल रहती है, घरों में छोटे छोटे बच्चे मच्छरों के काटने से महंगी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
सरकार के रेकॉर्ड में घरकुल नाम से रजिस्टर्ड इस इंसानी बस्ती का हाल इरफान खान की फ़िल्म ” हिंदी मीडियम ” के स्लम से अलग नहीं है। फ़िल्म में इरफ़ान का परिवार EWS की आरक्षित सीट से बेटी की पढ़ाई के लिए गुरबत की ज़िंदगी को जीता है। यहां घरकुल के मामले मे सभी पार्टियों के नेता वोटों के लिए घरकुल का सिर्फ एक चक्कर लगाते हैं भरपूर आश्वासन देते हैं और अपना सुनहरा पॉलिटिकल करियर सेट करते हैं। घरकूल में 70% परिवार मुस्लिम अन्य 30% आदिवासी समुदाय से हैं।
सड़क, पानी, बिजली, आरोग्य शिक्षा, रोजगार, साफ सफाई के नाम पर कुछ भी सुविधा तथा काम काज नहीं है। कहने को तो ये लोग चार नगर सेवकों का भविष्य तय करते हैं। डेढ़ साल से निकाय के चुनाव नहीं हुए हैं तो नगर सेवक पद फ्रिज है। इसके पहले भी घरकुल वालों ने कई बार महाजन के घर आ कर अपना दुखड़ा सुनाया जिसके बाद नेताजी की ओर से फौरी राहत मिलती गई पर हमेशा के लिए किसी भी समस्या का कोई मुकम्मल समाधान नहीं किया गया है।
परिवर्तन के लिए मेश्राम ने साधा संवाद-EVM में गड़बड़ी, मराठा आरक्षण के समाधान के बजाय मराठा/ओबीसी में झगड़ा लगाने की सरकार की कोशिश, जाती गिनती नहीं करना, SC/ST पर क्रीमी लेयर की शर्त लादकर उनका आरक्षण खत्म करने की ओर कदम बढ़ाना, हिंदू-मुसलमानों में धार्मिक आधार पर हिंसा का वातावरण पैदा कर उन्हें आपस में बाटना सरकार की तमाम साजिशों को जनता के बीच प्रबोधन के माध्यम से उजागर करने के लिए बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने जलगांव पधारकर जनजागरण सम्मेलन को संबोधित किया। राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा के बैनर तले आयोजित इस संवाद यात्रा में सुनील देवरे प्रशांत बोरकर बंसीलाल भागवत मुफ्ती हारून नाना लामखेड़े मौजूद रहे।
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