भूपेंद्र पांडेय, मिर्ज़ापुर/लखनऊ (यूपी), NIT:
हलिया मिर्जापुर पावरहाउस में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जनता एवं संविदा कर्मियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।जहां पर भाजपा सरकार एवं उत्तर प्रदेश योगीराज पर अब जनता एवं संविदा कर्मियों ने प्रश्न चिन्ह लगा रखा है। लोगों का कहना है कि आखिर क्यों नहीं पड़ रही है किसी उच्च अधिकारियों की इस भ्रष्टाचार पर नज़र? मिर्जापुर हलिया पावरहाउस पर खुलेआम भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर रहें हैं। एसडीओ उत्कर्ष चन्द्रा एवं जेई सलमान अहमद को लेकर संविदा कर्मियों में घोर नाराज़गी देखने को मिल रही है।
सवाल सिर्फ इतना नहीं है, जनता के साथ अवैध रूप से वसूली करने का आरोप एवं संविदा कर्मियों से हाजिरी लगाने का भी आरोप लगाया जा रहा है एसडीओ उत्कर्ष चन्द्रा एवं जेई सलमान अहमद पर। जानकारी के अनुसार जेई सलमान अहमद ने पन्द्रह अगस्त के ही दिन संविदा कर्मी से अभद्रता करते हुए उल्टी सीधी गाली देते हुए कहा कि तुझे नौकरी से निकाल दिया है, यह कह करके पन्द्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन बेइज्जती करते हुए बाहर कर दिया।
जी हां हम बात कर रहे हैं एसडीओ उत्कर्ष चन्द्रा एवं जेई सलमान अहमद की जिसके कार्यशैली से हलिया पावरहाउस के कर्मचारी ही नहीं वहां की जनता भी त्राहि त्राहि कर रही है लेकिन कोई भी अधिकारी एक्शन लेने को तैयार नहीं।
बताते चलें कि 32 जीआर एस फाइल किया गया था जिससे सभी दर्ज शिकायत सही पाएं गए हैं उसके बाद भी उच्च अधिकारी चुप्पी साधे मौन बैठे हैं।
मिर्ज़ापुर हालिया की जनता अब डबल इन्जन की भाजपा सरकार एवं योगी आदित्यनाथ के सहयोगी अपना दल की सांसद अनुप्रिया पर आरोप प्रत्यारोप का सवाल खड़े कर दिए हैं जहां पर जनता का कहना है की अपने ही क्षेत्र में हो रहें खुलेआम भ्रष्टाचार में संलिप्त एसडीओ उत्कर्ष चन्द्रा एवं जेई सलमान अहमद को भरपूर संरक्षण प्राप्त करा रही हैं जिसके वजह से बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा चुप्पी साधे मौन हैं।
बात यहीं खत्म नहीं होती है जनता का कहना है अपने क्षेत्र में हो रही जनता के साथ भ्रष्टाचार को कैसे कर सकती हैं अनदेखा, अब देखना यह है की डबल इन्जन की भाजपा सरकार की सहयोगी अपना दल अनुप्रिया पटेल सांसद जनता के साथ हो रहे अन्याय को लेकर जनता को न्याय दिलाने में कामयाब होती हैं या फिर भ्रष्टाचार में संलिप्त एसडीओ उत्कर्ष चन्द्रा एवं जेई सलमान अहमद के कार्यशैली पर चुप्पी साधे मौन रहती हैं। जहां जनता न्याय की आस में दर बदर ठोकर खाने को मजबूर है वहीं न्याय की तलाश में जनता एवं संविदा कर्मी लगे हुए हैं।
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