रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:
अति प्राचीन मेघेश्वर महादेव मेघनगर शंकर मंदिर हरतालिका तीज के पर्व पर महिलाओं ने मंदिर में पहुंचकर पुजा अर्चना की एवं रातजगा कर पर्व मनाया।
आज गणेश चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त में घर-घर बिराजेगे गणपति गजानंद
हिंदू पर्वों के त्योहारों की शुरुआत हो चुकी है यह सिलसिला अब दशहरा दीपावली तक चलेगा पर्वों की त्रिवेणी का असर बाजारों में भी देखनें को मिला महिलाएं बाजारों में पूजन सामग्री की खरीदारी करते देखी गई। अधिकांश महिलाएं 16 श्रृंगार कर मंदिरों में पहुंची वहां पूजा अर्चना की ओर घरों में कुलदेवी देवताओं की भी पुजा अर्चना की तीज पर्व पर महिलाओं ने 24 घंटे निर्जल व्रत भी रखा शास्त्रों में हरतालिका तीज व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत उपासना करने से ओर माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करने से पारिवारिक और दंपति जीवन में सुख समृद्धि आती है साथ ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
इस विशेष दिन प्रधान पुण्य कर्म करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है संतान प्राप्ति के लिए भी तीज का व्रत बहुत ही उत्तम माना जाता है हरतालिका तीज की पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनके पिता हिमालय ने पार्वती जी का विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया था, लेकिन पार्वती जी भगवान शिव को ही पति रूप में चाहती थीं। उनकी सखियों ने उन्हें पिता के घर से अपहरण कर एक घने जंगल में ले जाकर भगवान शिव की तपस्या करने के लिए प्रेरित किया।
पार्वती जी ने निराहार रहकर भगवान शिव की घोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से यह व्रत माता पार्वती के समर्पण और भगवान शिव के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक बन गया। महिलाओं ने हरतालिका तीज व्रत रखकर रतजगा भी किया।
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