आतिश दीपंकर, पटना ( बिहार ), NIT; पत्रकार हत्या कांड ने नितीश सरकार को कटघरे में खडा कर दिया है। अपराधियों की बेखौफी प्रदेश में लाॅ एण्ड आर्डर की हालत बयान कर रही है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या नितीश सरकार अपराधियों के सामने नपुंसक हो गई है, जिस कारण अपराधी-माफिया कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं? कानून व्यवस्था के चुस्त दुरुस्त होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री नितीश कुमार आखिर अपराधियों पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहे हैं?
आरोप है कि अब पुलिस प्रशासन अपराधियों के सामने पंगु बन चूका है। सरकार भी हथियार डाल कर अपराधियों के सामने नतमस्तक हो गई है और एक बार फिर बिहार में बाहुबलियों का राज कायम हो गया है। इसलिए यह मांग उठ रही है कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए क्योंकि नितीश कुमार और लालू यादव से अब बिहार संभल नहीं रहा है। नए साल में ही अपराधियों ने पत्रकार की निर्मम हत्या कर नितीश सरकार को अपनी मौजूदगी का अहसास दिला दी है। सरकार की सुस्ती और पुलिस की मस्ती ने बिहार का बेडा गर्क कर रखा है। याद रहे कि बेख़ौफ़ अपराधियों ने बिहार के समस्तीपुर के विभूतिपुर प्रखंड में एक दैनिक अखबार के रिपोर्टर ब्रजकिशोर कुमार की देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपराधियों की निर्दयता देखिये कि जब तक पत्रकार मरा नहीं, तब तक अपराधी उस निहत्थे पत्रकार पर गोली बरसाते रहे। कुल सात गोली मारने की बात सामने आई है। आल इंडिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सुमन मिश्रा ने बिहार के सभी जिलों के पत्रकारो से आह्वान किया है कि वो अपने ज़िलों में धरना प्रदर्शन कर सरकार को अल्टीमेटम दें, उसके बाद व्यापक स्तर पर पटना में होने जा रहे धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लें और साथ ही अपने न्यूज कवरेज और लेखों के माध्यम से भी आवाज बुलंद करते रहें।
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