नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
नवंबर के अंत में महाराष्ट्र विधानसभा के आम चुनाव होने है। विधान परिषद शतक महोत्सव के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महाराष्ट्र पधारी। चुनावों के ठीक पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के दौरे किए थे जिन्हें राजनीतिक नजरिए से देखना अनिवार्य सा हो गया था। महाराष्ट्र विधानसभा ने उत्कृष्ठ विधायकों की एक सूची जारी की है। 2018-19 से लेकर 2023-24 इन छह सालों में विधानसभा और विधान परिषद सभागार में संसदीय मर्यादा में बेबाकी से जनता की आवाज़ को बुलंद करने वाले सदस्यों को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। सात मिनट के अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र सरकार की महिला सक्षमीकरण योजनाओं की सराहना की। नारीशक्ति का गौरव किया, प्रदेश के आर्थिक महत्व को रेखांकित किया।
महामहिम का भाषण सुनकर ऐसा लग रहा था जैसे वह सत्र से पहले राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ रही है। केंद्र की ओर से नियुक्त राज्यपाल और विपक्षी दलों की सरकारों के बीच का तनाव समानांतर सत्ता का नया पैटर्न बनता जा रहा है। चुनावी राज्यों में इस पैटर्न को भाजपा की सत्ता बरकरार रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पहलू पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों में काफी कुछ लिखा है। जलगांव जिले से दोनों सदनों में कुल 12 विधायक हैं, इनमें से एक भी विधायक को उत्कृष्ट जनप्रतिनिधि पुरस्कार के लिए लायक नहीं समझा गया। गिरीश महाजन , गुलाबराव पाटील , चिमणराव पाटील विधानसभा के सीनियर सदस्य है बावजूद इसके सदन के भीतर इन लोगों का परफॉर्मेंस बेहद खराब या फिर न के बराबर रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री द्वारा उस पैमाने को स्पष्ट किया जाना चाहिए जिसपर उत्कृष्ट संसद पटू पुरस्कारों का चयन किया जाता है। इससे होगा यह कि MLAs के निर्वाचन क्षेत्र की जनता को पता चलेगा की उनका चुना हुआ लोक प्रतिनिधि हाउस में किस प्रकार से जनता के सवाल रखता है , क्षेत्र की कयादत कर रहा है। आप जनता इस पुरस्कार वितरण समारोह को महाराष्ट्र सरकार के आधिकारिक फेसबुक पेज DGIPR पर देख सकते हैं।
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