लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के महिला विभाग द्वारा नैतिकता ही स्वतंत्रता का आधार’ विषय पर चलाया जा रहा है राष्ट्रव्यापी अभियान | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के महिला विभाग द्वारा नैतिकता ही स्वतंत्रता का आधार’ विषय पर चलाया जा रहा है राष्ट्रव्यापी अभियान | New India Times

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के महिला विभाग की ओर से सितंबर 2024 में एक महीने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया जा रहा है।  इस अभियान का विषय है ‘नैतिकता ही स्वतंत्रता का आधार’। अभियान का उद्देश्य लोगों में जागरूकता पैदा करना और उन्हें यह बताना है कि सच्ची स्वतंत्रता क्या है और इसे नैतिकता से कैसे जोड़ा जाए।

मध्यप्रदेश में इस अभियान का आगाज़ आज भोपाल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस द्वारा किया गया जिसमें जमाअते इस्लामी हिन्द, भोपाल की नाज़िमा श्रीमति माहनाज़ साहिबा ने  कि महिलाओं पर अत्याचार की मानसिकता एक महामारी की तरह फैल गई है जो हमारे देश की शांति और विकास को प्रभावित कर रही है।” इस अभिशाप का मुख्य कारण स्वतंत्रता के नाम पर नैतिक मूल्यों का पतन है। समाज में नैतिक मूल्यों की कमी, महिलाओं को वस्तु मानना, यौन शोषण और दुर्व्यवहार, वेश्यावृत्ति, विवाहेतर संबंध, शराब और नशीली दवाओं का बढ़ता उपयोग आदि जैसी समस्याएं उत्पीड़न और शोषण को जन्म देती हैं।

इसी तरह, यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई), गर्भपात, यौन हिंसा और बलात्कार में वृद्धि के अलावा, पारिवारिक इकाई का टूटना एवं निर्लज्जता की व्यापकता समाज के नैतिक ताने-बाने को तेजी से नष्ट कर रही है। आगे उन्होंने बताया कि जमाअते इस्लामी हिन्द महिला विभाग समाज में फ़ैल रही विभिन्न प्रकार की नैतिक बुराइयों के सम्बन्ध में चिंतित थी और हमने तय किया की पूरे एक माह इन बुराइयों के सिलसिले में जागरूकता अभियान चलाया जाए। ये अभियान इसी सिलसिले की एक कड़ी है।

मुहीम की राज्यस्तरीय संयोजक सुश्री रफ़िया साहिबा ने कहा कि मुहीम का उद्देश्य समाज को उस बेलगाम आज़ादी के ख़ौफ़नाक परिणाम से आगाह करना है जो नैतिक मूल्यों के पतन के कारण सामने आ रहे है। दिन प्रति दिन महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध हमें ये सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या हम वास्तव में आज़ाद और सुरक्षित हैं? आगे उन्होंने कहा कि आज़ादी का मतलब हिंसक होना, दूसरे के अधिकारों का हनन करना, महिलाओं का शोषण और नाइंसाफ़ी तो बिलकुल भी नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं के प्रति समाज की मानसिकता को सही दिशा देना इस मुहीम का उद्देश्य है।

महिला विभाग भोपाल की ज़िम्मेदार श्रीमती हबीबा मालिक साहिबा ने कहा कि ईश्वर ने इस धरती को न्याय और इंसाफ़ पर क़ायम किया है और उस पालनहार की मंशा के मुताबिक़ जब तक यह धरती और इसका निज़ाम चल रहा है न्याय होना चाहिए। जिस तरह हवा, पानी, रोज़ी-रोटी ईश्वर ने सभी मनुष्यों को प्रदान की है उसी प्रकार नैतिकता और नैतिक गुण भी सभी इंसानों को ईश्वर द्वारा दिए गए हैं, इस मुहीम का एक मक़सद ये भी है कि हर इंसान अपने अंदर मौजूद इन नैतिक गुणों को पहचाने और इसके मुताबिक़ ही अमल करे। न्याय ईश्वर की मंशा है और न्याय करना ईश्वर समक्ष ऊँचा स्थान प्राप्त करने वाला कर्म है।

नैतिकता ही स्वतंत्रता का आधार’ शीर्षक वाले राष्ट्रव्यापी अभियान के बारे में बात करते हुए, जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, मध्यप्रदेश की मीडिया सह प्रभारी श्रीमती रज़िया मसूद ने कहा कि “इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोई व्यक्ति केवल नैतिक मूल्यों का अनुसरण करके ही वास्तविक जीवन और स्थायी स्वतंत्रता प्राप्त कर सकता है। इस अभियान का उद्देश्य जाति, समुदाय, रंग और नस्ल, लिंग, धर्म और क्षेत्र के भेदभाव के बिना सभी के लिए बुनियादी जरूरतों को पूरा करने और बुनियादी अधिकारों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है।

अभियान के दौरान राष्ट्रीय, राज्य, जिला और जमीनी स्तर पर शिक्षाविदों, परामर्शदाताओं, वकीलों, धार्मिक विद्वानों और सामुदायिक नेताओं को शामिल करते हुए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। छात्रों और युवाओं को सच्ची स्वतंत्रता और नैतिक मूल्यों से परिचित कराने के लिए परिसर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक धर्म और संस्कृति में समान नैतिक मूल्यों पर सार्वजनिक चर्चा के लिए विभिन्न धर्मों के विद्वानों को शामिल करते हुए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
अबरार अहमद खान/मुकीज खान


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