मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
मौत तो बरहक़ है, लेकिन एमआईएम रहनुमा नफीस मंशा खान के परिवार पर इस साल गमों का बादल छाया हुआ है। उन के बड़े भाई और शहर के सरकरदा रहनुमा मरहूम अख़्तर परवेज़ के दूसरे नंबर के बेटे अनीस मंशा ख़ान (74) का हार्ट अटैक से जुमा की रात अचानक इंतकाल हो गया। मरहूम अनीस मंशा के परिवार में पांच बच्चे और पत्नी है। उनकी वेल्डिंग की खुद की दुकान रहमानी होटल के बाजू में थी। जनाज़ा सनिचर को दिन में 11 बजे उनके आबाई मकान खानक़ा वार्ड, पीलू का तकिया, प्रकाश टॉकीज के पीछे से उठाया गया। नमाजे जनाज़ा शाही जामा मस्जिद में यहां के खतीब व पेश पेश इमाम हज़रत सैय्यद इकराम उल्ला बुखारी ने पढ़ाई।
तदफीन हज़रत दादा मियां सरकार RA सिंधी बस्ती के पीछे स्थित कब्रिस्तान में हुई, जहां हजारों सोमवारों की मौजूदगी में मरहूम को सुपुर्द ए खाक किया गया। मरहूम पांच वक्त के नमाज़ी थे। शहर के अपने ज़माने के प्रसिद्ध मुंशी मरहूम शमीम अहमद खान की बड़ी लड़की और और भाजपा नेता, एडवोकेट शायर आबिद अहमद खान की बड़ी बहन उनसे बियाही थी। दुआ है कि अल्लाह मरहूम की बख्शीश और मगफिरत फरमाए और उन्हें अपनी जवारे रहमत में आला से आला मक़ाम अता फरमाए। मरहूम को जन्नतुल फिरदौस अता फरमाए और मंशा खानदान और सभी दोस्त एहबाब को सबरे जमील अता फरमाए। आमीन सुम्मा आमीन।
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