पर्युषण महापर्व प्रारंभ, 200 से अधिक श्रावक श्राविका ने लिए 4 महाविगई के पच्चखान | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

पर्युषण महापर्व प्रारंभ, 200 से अधिक श्रावक श्राविका ने लिए 4 महाविगई के पच्चखान | New India Times

मेघनगर के श्री राजेंद्र सूरी जैन ज्ञान मंदिर में ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य साध्वीजी श्री तत्वलताश्रीजी महाराज साहब ने शनिवार को पर्युषण महापर्व के प्रथम दिवस अपने प्रवचन में पर्युषण महापर्व और जिनशासन की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि हमें यह जिनशासन जन्म से तो मिला है लेकिन जब तक हम परमात्मा की आज्ञा में नही चलेंगे तब तक हम जैन नहीं बन सकते। पूज्य साध्वीजी ने बताया कि हमारा पहला मूल कर्तव्य है, अमारी प्रवर्तन, अर्थात् जीवो की दया का पालन करना, जीवो की हिंसा से बचना। यदि हम हमारे इस कर्तव्य का पालन नहीं करते है तो हम जैन बन ही नहीं सकते।

साथ ही पूज्य साध्वीजी ने 4 महाविगई के बारे में विस्तार से समझाया जिस पर धर्मसभा में मौजूद 200 से अधिक श्रावक श्राविका ने अपने जीवन में 4 महाविगई का त्याग करने के पच्चखान लिए।
उक्त जानकारी देते हुए रजत कावड़िया ने बताया कि आज पर्युषण महापर्व के प्रथम दिन विविध आयोजन हुए, आज की परमात्मा की अंगरचना का लाभ मनोहरलालजी चौरडिया परिवार और घेवरमलजी मोदी परिवार ने लिया।

साथ ही कावड़िया ने बताया कि 45 दिवसीय सामूहिक श्री सिद्धितप आराधना के भव्य पारने की तैयारिया श्रीसंघ द्वारा जोर शोर से चल रही है। दिनांक 9 सितंबर को सिद्धितप पारणा महोत्सव कार्यक्रम त्रिदिवसीय महोत्सव की उजमनी के साथ संपन्न होगा। साथ ही प्रवचन के बाद ज्ञान मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी सुजानमल लूणावत के निधन पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading