नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
नवंबर 25, 28 को दो चरणों में महाराष्ट्र विधानसभा के आम चुनाव होने की संभावना है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को साधकर भाजपा ने राज्य में सिलसिलेवार तरीके से त्योहारों का सार्वजनिक आयोजन शुरू कर दिया है। संस्कृति और परंपरा की सुरक्षा इस थीम पर गिरीश महाजन फाउंडेशन ने जामनेर में दही हांडी महोत्सव का आयोजन कराया जिसके लिए मुंबई से महिला गोविंदा टीम को आमंत्रित किया गया। आकर्षण के तौर पर मराठी थिएटर के कलाकारों को मंच पर जगह दी गई। मशहूर नर्तकी रिचा अग्निहोत्री ने हिंदी फिल्मों के रसीले गानों पर समा बांध दिया। मराठी नेत्री प्रार्थना बेहेरे ने बीच बीच में प्रेक्षकों से संवाद स्थापित किया। रात 10 बजे तक स्टेज शो के सहारे दही हांडी फोड़ने की कवायद जारी थी। अचानक से बारिश शुरू होने के कारण 6/7 हजार लोगों के हुजूम ने कुछ मिनटों में घर का रास्ता पकड़ लिया।
दो कार्यकर्ता घायल: क्रेन के हूक में माखन से भरी मटकी को हवा में स्थिर करते हि हांडी, कमल छाप प्लास्टिक निशान झूमर के साथ धड़ाम से जमीन पर आ गिरा। इस हादसे में दो भाजपा कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है उन्हें जलगांव रेफर किया गया।
ट्रैफिक जाम से यात्री परेशान: निगम तिराहे पर आयोजित इस इवेंट के कारण एरंडोल बुलडाना राजमार्ग रोक दिया गया। औरंगाबाद-पुणे, पाचोरा-मुंबई, भुसावल-बुरहानपुर जाने वाली सैकड़ों गाड़िया का दस किलोमीटर दूर तक लंबा जाम लगा। अगर यही आयोजन विपक्ष की ओर से किया जाता तो PWD तत्काल प्रभाव से फौजदारी मामले दर्ज कराती, पुलिस बल प्रयोग से खदेड़ देती। ज्ञात हो कि जामनेर शहर को बायकॉट करने के लिए कोई बायपास सड़क बनी हि नहीं है। मंत्री गिरीश महाजन सातवीं बार जामनेर सीट से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा की ओर से आयोजित इस चुनावी हांडी के लिए बंबई की लड़कियों ने जामनेर का मैदान संभाला। बीते साल जन्माष्टमी महोत्सव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उनकी सरकार गोविंदा पथको के शौर्य का सम्मान करने के लिए दही हांडी को खेल का दर्जा प्रदान करेगी और गोविंदाओं को ओलंपिक खेलों में खेलने के लिए प्रशिक्षित करेगी इसमें से कुछ भी नहीं हुआ है।
17 साल बाद आयोजन: जामनेर में आज से 17 साल पहले 2007 में आखरी बार स्थानीय स्तर पर दही हांडी समारोह का आयोजन कराया गया था। उस समय सिर फुटव्वल में कई नौजवान गंभीर रूप से घायल हुए थे तब से लेकर अब दही हांडी का आयोजन बंद किया गया था।
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