अशफाक कायमखानी, अहमदाबाद (गुजरात), NIT; कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी व गुजरात प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलौत के निर्देशों व भावनाओं के मुताबिक सियासत के हर तरह के हर समयानुसार बदलते गुणा भाग को समझते हुये राजस्थान में मौजूद उनके विश्वसनीय नेतागण पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, दलित नेता परसराम मोरदीया, पुर्व मंत्री शांती धारीवाल, रिछपाल मिर्धा, विधायक नंद किशोर महरिया व डाॅ.खानू खान सहित अनेक नेताओं ने गुजरात के अलग अलग हिस्सों मे मौजूद रहकर स्थानीय कांग्रेसजनो से आपसी समन्वय बनाकर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारो को जीताने में दिन रात कड़ी मेहनत करने से कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओ व स्थानीय जनता की नजरो मे सभी नेता अहम भुमिका निभाते नजर आ रहे हैं।सराहुल गांधी व गहलौत के काफी विश्वसनीय भूमिका मे नजर आ रहे राजस्थान के दिग्गज नेता पुर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने समय रहते ही अपने प्रभार वाली सभी चार विधान सभा क्षेत्रो के वर्कस की समय समय पर बेठक करके अपने अनुभव, सम्परको व निजी साधनो का का यूज करते हुये कांग्रेस के पक्ष मे काफी हद तक जनता का जेहन मोड़ने मे सफल हो रहे है। राजस्थान के पुर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने अपने खास विश्वसनीय सुभाष महरिया के प्रभार वाले विधान सभा क्षेत्रो मे राहुल गांधी की सभा व रेलियो की सफलता के लिये उनको मिले निर्देशो व टिप्स के मुताबीक महरिया ने नेताओ व कार्कर्ताओ की मिटिंगै करके उन्हे अलग अलग जिम्मेदारी देकर खुद ढंग से मोनेटिरिंग करके अब तक जो रजल्ट दे रहे है। उससे स्थानीय कांग्रेस नेताओ का मनोबल सातवे आसमान पर पहुंचने लगने से वो अब बाईस साल से सरकार में बैठे भाजपाइयों से आर पार की लड़ाई लडने के मूड में नजर आ रहे हैं।गुजरात चुनावों में सुभाष महरिया व शांती धारीवाल के अलावा बीडी कल्ला, परश राम मोरदीया, दिपेन्द्र सिंह, मंगला राम गोदारा, मकबूल मण्डेलीया, खानू खान ,रियाजत अली , गोविंद मेघवाल,जीवन खां , रणदीप धनखड़, विधायक नंद किशोर महरिया सहित दो दर्जन पुर्व मंत्री व विधायक गुजरात मे ही डेरा डाले हुये हैं।
कुल मिलाकर यह है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने अपने अनुभवों व दमखम की ताकत पर अपने स्वयं के चुनाव लड़ने की तरह ही स्थानीय कांग्रेस उम्मीदवारो के पक्ष मे दिन रात कड़ी मेहनत करके जो पोजीटीव रजल्ट निकाल रहे है। उसको देखकर हर कांग्रेस वर्करस का मनोबल बढता साफ दिख रहा है। दुसरी तरफ ऊपर से मिली जिम्मेदारी को सहर्ष स्वीकार करके उस पर हर दम खरा उतरने की कला को कोई सुभाष महरिया से बखुबी सीख सकता है।
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