कारगिल युद्ध में अपना अंग भंग कर गर्व महसूस करने वाले जवान की बेटी न्याय पाने के लिए राजधानी भोपाल में दर दर भटकने पर मजबूर | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

कारगिल युद्ध में अपना अंग भंग कर गर्व महसूस करने वाले जवान की बेटी न्याय पाने के लिए राजधानी भोपाल में दर दर भटकने पर मजबूर | New India Times

कारगिल युद्ध में अपना अंग भंग कर गर्व महसूस करने वाले जवान की बेटी न्याय पाने के लिए अपने परिजनों के साथ दर-दर भटक रही है। पीड़िता ने पुलिस विभाग के कई अधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगा चुकी है लेकिन अबतक इंसाफ नहीं मिल सका है। भोपाल की बेटी सुखजीत कौर ने मीडिया से चर्चा करते हुऐ बताया कि मैं आर्मी परिवार से संबंध रखती हूं मेरे पिताजी गुरचरण सिंह जी जिन्होंने 28 साल आर्मी में रहकर देश की सेवा की।

कारगिल युद्ध में आंख में गोली लगने के पश्चात भी देश के प्रति प्रेम और श्रद्धा उन की कम नहीं हुई उन्होंने बच्चों में भी देश के प्रति रक्षा व प्रेम का संस्कार दिया था जिसके परिणाम स्वरूप उन्होंने अपने बेटे मनदीप सिंह को फौज में भर्ती करवाया जो कि आज सिक्किम में देश की सेवा कर रहा है। ऐसे परिवार की बेटी ससुराल में प्रताड़ना का शिकार हो रही है  सिर्फ दोष इतना है कि पहले पति के तलाक के बाद दूसरे एनआरआई तलाकशुदा हर सिमरन सिंह गिल के साथ दूसरी शादी कर ली।शादी के बाद से ही प्रताड़ना करने वाला पति कनाडा चला गया लेकिन सास ससुर आज भी प्रताड़ित कर रहे हैं।

1999 के कारगिल युद्ध के चश्मदीद गवाह गुरचरण सिंह के जीवन पर अब मानव पहाड़ सा टूट पड़ा है इन दिनों वह अपनी बेटी के भविष्य को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं। उनकी बेटी की पहली शादी उन्होंने गलती से नशे के आदि कर रहे व्यक्ति के साथ कर दी 2023 में तलाक होने के पश्चात कुछ समय बाद एक बिचौलिए के माध्यम से सिद्धार्थ लेक सिटी नंद नगर रोड पिपलानी भोपाल में तलाकशुदा एनआरआई हर सिमरन सिंह गिल से 28 फरवरी 2024 को दूसरी शादी हुई ससुराल वाले उसे यहां भी पहले दिन से परेशान करना शुरू करने लगे वह लेनदेन को लेकर ताना मारने लगे
सुखजीत कौर ने बताया कि शादी से पहले मेरी जीवन शैली वह में किन धार्मिक गुरुओं को मानती हूं यह सब कुछ मेरे ससुराल वालों को पता था परंतु शादी के बाद इन्होंने मेरी पूजा पद्धति को बदलने का प्रयास किया जिसकी शिकायत मैंने अपने पति से की तो पूरा परिवार मेरी सास ससुर वह मेरे पति की बहने सभी का व्यवहार मेरे प्रति बिल्कुल बदल गया।

वह मेरे हर कार्य को गलत बताने लगे मुझे बात-बात पर नीचा दिखाने का काम करते थे। कुछ समय बाद मुझे ऐसा लगा कि मैं यहां पर किसी व्यक्ति से भी अपना दुख व्यतीत नहीं कर सकती यह सारी घटनाएं पंजाब में स्थित इनका पुराना गांव बद्दोवाल की है। उसके उपरांत 8 अप्रैल 2024 को मेरे पति परिवार सहित मुझे भोपाल लेकर आ गए  अगले माह में ही परिवार की योजना से मुझे मेरे पति दो-तीन दिन के लिए बाहर ले गए मुझे नहीं पता था कि इन सब की योजना क्या है मैं वापस आई उससे पहले इन्होंने घर के अंदर जहां कैमरा लगाना उचित नहीं वहां तक भी कैमरे लगवा दिए और मेरे पति वापस आने के बाद कनाडा चले गए और जैसे ही मैंने उन्हें हिम्मत करके यह शिकायत करने का प्रयास किया कि घर में मेरे कमरे की तरफ भी कैमरा लगा हुआ है तो उन्होंने मुझे वह मेरे परिवार को पंचायत की धमकी देते हुए कहा कि मैं यहां बैठा तुम्हारा जुलूस निकाल दूंगा अच्छा रहेगा कि तुम इस मसले को खत्म कर लो और मेरे सास ससुर ने अब मेरे साथ दुराचार और बढ़ा दिया था वह अब मेरा खाना पानी भी बंद करने लग गए थे  मजबूरन मैंने 12 -5- 2024 को 181 और 101 पर मदद मांगी   पुलिस घर पर आई तो मेरे ससुर ना मिलने की वजह से वापसी चली गई मुझे लगा कि राजनीतिक प्रभाव के नाते यह सब हो रहा है फिर मैं राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत की तो उनके निर्देश पर मुझे रसोई घर में भोजन करने की अनुमति मिली।

मेरी सासू मां के माध्यम से पुलिस में कोई कंप्लेंट दी गई जो कि मुझे अभी तक नहीं दिखाई गई सुक्रांत दुबे नमक पुलिस व्यक्ति के माध्यम से मेरे पास रात को फोन आना शुरू हुआ की आपको थाने में बुलाया गया है मैंने रात को आने से मना कर दिया उसके उपरांत 18 तारीख को पिपलानी थाना के इंस्पेक्टर मेरे घर पर आए मुझे कहने लगे की यहां से बैग उठाकर अपने घर जाओ यह होटल नहीं है उसके सामने ही मेरे ससुर मुझे कहने लगे कि तेरे जैसी मैं 10 और ले आऊंगा परंतु पुलिस अधिकारी का इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं थी तो मैं समझ गई की यह सब मिली भगत है क्योंकि जब मैं अपनी शिकायत देना चाह तो इन्होंने इंग्लिश का हवाला देते हुए मेरी शिकायत नहीं ली
अब इन्होंने मुझे घर में ही बंधक बनाना शुरू कर दिया था मैं अपने आप को बहुत मजबूर महसूस कर रही थी मैं 20 तारीख को फिर से महिला आयोग में कंप्लेंट की महिला आयोग निर्देश पर पुलिस वाले मुझे शाम को घर से लेकर गए
मुझे पुलिस रात्रि 10:00 बजे वापसी घर छोड़कर गई वह 21 तारीख को दोबारा मुझे थाने में बुलाया गया और रात्रि लगभग 9:00 बजे मेरे ऊपर दबाव बनाकर मुझे साइन कराए गए की आप इस कार्रवाई को 1 महीने के लिए रोक दें हम आपके पति को वापसी भारत में ले आएंगे और उसके उपरांत मेरे पति बेदखल करने की प्रक्रिया संपूर्ण करके मेरे ससुर ने एसडीएम के यहां शिकायत दर्ज करवाई घर पर मुझे डराने के लिए बाउंसर रख दिए गए वह मेरे परिवार को बातचीत के बहाने बुलाया गया 28 जून को मेरे परिवार के साथ बातचीत करना तय हुआ जिसमें मेरे ससुर बहुत सारे लोगों को लेकर आ गए वह मेरे परिवार को धमकाने लगे और उनके खिलाफ एफआईआर करने की  धमकी दी मैंने अपने परिवार के साथ पुलिस कमिश्नर से मिलकर इस समस्या का समाधान करने की विनती की उसके उपरांत मुख्यमंत्री कार्यालय भी हमने यही दरखास्त राखी और मैं 29 जुन लगभग 7:30 बजे घर पहुंची तो मेरे साथ ससुर ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया वह बाउंसरों को सामने खड़ा कर दिया मैं कई घंटे तक प्रयास करती रही परंतु मुझे घर में नहीं घुसने दिया मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर सारी घटनाओं को नजरअंदाज करते हुए इंस्पेक्टर पिपलानी ने 2 जुलाई को रात्रि 1:00 बजे दहेज का मामला दर्ज किया।

मैंने सबूत देने चाहे तो मुझे सबूत नहीं लिए गए बस मुझे बार-बार परेशान किया जाता था कभी पुलिस चौकी में बुलाते थे कभी थाने में मैं समझ चुकी थी कि पूरा थाना मेरे ससुर के राजनीतिक प्रभाव में है मैंने खूब प्रयास किया कि सच्चाई बाहर आए और मुझे न्याय मिले मैंने न्याय के लिए राष्ट्रपति को भी गुहार लगाई परंतु अभी तक में दर-दर की ठोकरे खा रही हूं।

आज दिनांक 27 अगस्त 2024 को मैं अपने परिवार के साथ   एसडीएम साहब के पास गए थे परंतु उनसे मुलाकात नहीं हो पाई फिर उसके उपरांत मैं परिवार के साथ पुलिस कमिश्नर ऑफिस में गई वह उनसे लिखित में आग्रह किया कि मुझे मेरे निजी दस्तावेज दिलवाए जाए पुलिस कमिश्नर भोपाल में यह विषय मैडम श्रद्धा तिवारी जी को दिया है मैडम से मिलने के बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि आपको कल समान दिलवा देंगे मैं प्रशासन से अपील करती हूं मुझे निष्पक्ष न्याय दिया जाए। एसडीएम साहब को दरखास्त देने में सुखजीत कौर के साथ उनकी माताजी हरजिंदर कौर वह भाई मनदीप सिंह चाचा रणजीत सिंह आदि मौजूद रहे।


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