घर-घर में बाल गोपालों ने धरा कान्हा का वेश, मनाई जन्माष्टमी | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

घर-घर में बाल गोपालों ने धरा कान्हा का वेश, मनाई जन्माष्टमी | New India Times

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। लोगों ने घरों में रहकर श्रीकृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की। व्रत रखकर श्रीकृष्ण भगवान से पूरे देश की मंगल की कामना की। इस दौरान मंदिर में श्रीराधा कृष्ण की मूर्ति को सजाया गया। लोगों ने घरों में रहकर पूजा अर्चना की। मध्यरात्रि के समय व्रत खोला।

कस्बा गोला गोकर्णनाथ, अजान से सम्पूर्ण जनपद में सोमवार व मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर कस्बे के मंदिर रंग बिरंगी लाइटों से सजे रहे। मंदिर स्थित राधा-कृष्ण की मूर्तियों को नए वस्त्रों, फूल माला, मुकुट से सजाया गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण के लिए व्रत रखा। घरों में महिलाओं द्वारा तरह तरह की मिठाईयां बनाई गई।

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर्व को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला। बच्चे श्रीकृष्ण भगवान की वेशभूषा में नजर आए। मंदिरों में पंडितों द्वारा राधा-कृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की गई। लड्डू गोपाल को झूले में झुलाया गया। कस्बे के मंदिरों में  श्रद्धालु लोग भगबान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते नजर आये श्रद्धालुओं ने घरों में रखे लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना की। लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर लोगों में भारी उत्साह रहा। देर रात तक श्रद्धालुओं ने व्रत रखा। मध्य रात्रि को व्रत खोलने से पहले श्रीकृष्ण भगवान की पूजा अर्चना की। उसके बाद उपवास खोला गया।
छोटे बच्चों ने धरे राधा कृष्ण के स्वरुप जन्माष्टमी पर्व पर छोटे छोटे बच्चों ने श्रीकृष्ण और राधा स्वरूप धारण किये। बंशी मोर मुकुट तिलक हार सहित राधा व श्री कृष्ण के वस्त्र पहनाकर राधा कृष्ण के रूप मे तैयार किया राधा कृष्ण के स्वरुप मे छोटे बच्चे सभी के आकर्षण का केंद्र बने रहे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading