मध्य प्रदेश के छतरपुर में हुई घटना एवं अन्य समस्याओं को लेकर जमीअत उलमा मध्य प्रदेश के तत्वावधान में मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने की बैठक | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

मध्य प्रदेश के छतरपुर में हुई घटना एवं अन्य समस्याओं को लेकर जमीअत उलमा मध्य प्रदेश के तत्वावधान में मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने की बैठक | New India Times

मध्य प्रदेश के छतरपुर में हुई घटना एवं अन्य समस्याओं को लेकर जमीअत उलमा मध्य प्रदेश के तत्वावधान में मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने जमीअत उलमा के प्रदेश कार्यालय में एक अहम बैठक की। बैठक में विशेषकर हाल ही में छतरपुर में घटित घटना, चिल्ड्रन कमीशन एवं चिल्ड्रन सोसायटी के द्वारा विभिन्न तरीके से मदरसों को लेकर परेशान किया जाना, प्रदेश की वक्फ संपत्ति की सुरक्षा, स्कूल कॉलेज में उर्दू भाषा के विषयों को लेकर समस्याओं इत्यादि के बारे में चर्चा की गई।

छतरपुर की घटना चर्चा करते हुए सभी ने एक मत होकर कहा कि अतिक्रमण के नाम पर जो तोड़फोड़ की गई है उसकी हम घोर निंदा करते हैं। सभी ने सर्वसम्मति से कहा कि अपराधी कितना ही बड़ा क्यों ना हो कानूनी प्रक्रिया तहत ही उसे सजा मिलनी चाहिए और किसी का अपराध अभी सिद्ध ही नही हुआ है और उसे सज़ा देना ये कहां का न्याय है इस तरह का व्यवहार किसी भी धर्म के व्यक्ति के साथ नहीं होना चाहिए लेकिन ये देखने में आ रहा है कि देश, प्रदेश में इस तरह का व्यवहार अपराधी की जाति और धर्म देखकर किया जा रहा, अगर अपराधी मुसलमान हो तो फौरन उसका मकान तोड़ दिया जाता है जबकि अपराधी अन्य धर्म का हो तो उसे छोड़ दिया जाता है इस तरह को दोहरा रवैया देश की अमन एकता के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि सरकारें सभी मज़हब के लोगों कि होती है लेकिन इस तरह की कार्यवाही से लोगों में ये संदेश जा रहा है कि शासन मुस्लिम दुश्मनी में कार्य कर रहा है इस मौके पर बैठक को संबोधित करते हुए जमीअत उलमा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून साहब ने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र है और ये लोकतंत्र सिर्फ चुनावों तक सीमित नहीं रहना चाहिए सरकार के हर कार्य में लोकतंत्र नज़र आना चाहिए लेकिन सरकार के इस तरह के कार्यों से जनता का लोकतंत्र से विश्वास उठता है, औक़ाफ़ की जायदादो के संबंध में उन्होंने कहा कि जगह जगह वक्फ की जायदादे बर्बाद हो रही है लेकिन वक्फ बोर्ड सौ रहा है यहां तक कि उज्जैन में महाकाल कारीडोर के नाम पर वक्फ की जायदादो को एक्वायर करने की कार्यवाही की जा रही है उज्जैन मैं तकिया मस्जिद के आसपास के मकानों को कारीडोर के नाम पर तोड़ दिया गया।

आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिल्ड्रन कमीशन और चिल्ड्रन सोसायटी लगातार सिर्फ मदरसों के पीछे पढ़ी है जबकि प्रदेश में बच्चों को बेचे जाने तक की खबरें सामने आ रही है लेकिन इस पर बाल आयोग कोई कार्यवाही नहीं करता है और सिर्फ मदरसों पर ही निगाहें गड़ाए रखता है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी के संबंध में उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी पुरानी पार्टी की विचार धारा के अनुसार न्याय के साथ खड़ा होना चाहिए कांग्रेस हमेशा मुसलमानों से संबंधित मामलों में सामने आने में देर करती है और सिर्फ औपचारिकता निभाती है।

बैठक को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता असलम शेर खान ने कहा कि छतरपुर की तोड़ फोड़ की घटना की हम निंदा करते है, बीजेपी शासन वाले देश प्रदेश की सरकारों के इसी रवैये के कारण आम चुनावों में बीजेपी एड़ी चोटी का ज़ोर लगाने के बावजूद बहुमत में नहीं आ सकी है बीजेपी को ये समझना होगा कि इस देश में बहुमत अच्छे हिंदू मुसलमानों का है और वह सभी इस दोगली और दोहरी पॉलिसी के खिलाफ हैं, देश का नागरिक न्याय भी न्यायिक तरीके से ही चाहता है नाकि सरकारों के मनमाने ढंग से।

बैठक को संबोधित करते हुए सीनियर एडवोकेट और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सैयद साजिद अली ने कहा कि छतरपुर की जो घटना हुई है वह वहा के प्रशासन की नाकामी है सारा मामला रिपोर्ट लिखने की देरी के कारण हुआ जिस व्यक्ति के खिलाफ लोग रिपोर्ट दर्ज कराने गए उस पर से पूरी चर्चा का ध्यान हटा दिया गया और बिना किसी जांच और कानूनी प्रक्रिया के लोगों के मकान तोड़े जा रहे है शासन इस कद्र अन्याय कर रहा है कि मकान के साथ साथ घर का सामान यहां तक कि वाहनों तक को बुल्डोजर से तोड़ दिया गया ये कहां का न्याय है उन्होंने आगे कहा कि हमे कानूनी तरीके से लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
मध्यप्रदेश मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष मोहम्मद माहिर एडवोकेट ने कहा कि शासन को कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करना चाहिए ताकि न्याय होता हुआ नजर आए पहले बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना मकान तोड़ दिए जाते है फिर उसके बाद उसे गैर कानूनी बना हुआ या अतिक्रमण बताया जाता है क्या वजह है कि जो भी मकान बुल्डोजर से इस तरह की घटना के बाद तोड़े जाते है वह फौरन गैर कानूनी हो जाते है उससे पूर्व तक क्या प्रशासन सोता रहता है और बुल्डोजर नीति के वक्त फौरन जाग जाता है।

जमाते इस्लामी के जिम्मेदार जावेद अख्तर ने कहा कि शासन इतनी बेइंसाफी कर रहा है कि प्रदेश में कई स्थानों पर तो मुख्यमंत्री आवास योजना के द्वारा आवंटित मकानों तक को तोड़ दिया गया है और यहां तक कि कई स्थानों पर महिलाओं तक से अभद्र व्यवहार की घटनाएं भी सामने आयी है।
अहले सुन्नत वल जमात के पीरजादा तौकीर निजामी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की तोड़ फोड़ की घटनाओं से देश प्रदेश में भय का माहौल व्याप्त होता है बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के मकानों को तोड़ना भी गैर कानूनी अमल है।
वरिष्ठ एडवोकेट हिफजुर्रहमान सिद्दीकी ने कहा कि हमे तरह की गैरकानूनी और गैर लोकतांत्रिक तोड़फोड़ की घटनाओं को रोकने के लिए उच्च अदालतों में पिटीशन दायर करने की आवश्यकता है।
बैठक को संबोधित करते हुए जमीअत उलमा मध्य प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद कलीम एडवोकेट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म के मजहबी पेशवा के खिलाफ़ कुछ अनर्गल बात करता है तो शासन को और अदालतों को स्वयं संज्ञान लेकर फौरन मुक़दमा दर्ज करना चाहिए और मुलजिम को जेल भेजा जाना चाहिए ताकि इस तरह की घटना में लोगों को इक्कठा होने और अपनी फरियाद थाने ले जाने की आवश्यकता ही ना पड़े, कोई भी व्यक्ति अगर अनर्गल बोलता है और अगर तुरंत उस पर कार्यवाही हो जाती है तो इस तरह से अनर्गल बोलने वालों पर रोक लगेगी और लोगों का कानून और संविधान के प्रति विश्वास बढ़ेगा ,
बैठक के अंत में सर्व सम्मति से ये तय पाया कि इन विभिन्न समस्याओं को लेकर सभी संगठनों द्वारा सम्मिलित रूप से कानूनी प्रक्रिया के तहत विरोध किया जाएगा और अदालत में पिटीशन लगाई जाएगी एवं प्रदेश के राज्यपाल से मुलाकात कर घटना से अवगत कराया जाएगा एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह और गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र द्वारा सभी घटनाओं से अवगत कराया जाएगा।
बैठक को संबोधित करने वालों और सम्मिलित होने वालों मै विशेषकर वरिष्ठ पत्रकार आरिफ अजीज, डॉक्टर युनुस खान Ex CEO वक्फ बोर्ड, सैयद महरुल हसन, अली अब्बास उम्मीद अब्दुल वाहिद हारीश, फैजान हुसैन एडवोकेट, हाजी इमरान, मोहम्मद रिजवान शानू, सादिक अली रोहेला, हाजी हनीफ अय्यूबी, मोहम्मद सलमान, इनायतुल्लाह सैयद, हाफिज साजिद अहमद, मोहम्मद हारीश, तौसीफ निजामी, मोहम्मद फहद खान, सैयद रफीक, रिज़वान अहमद, अफजल खान, मुफ्ती मोहम्मद साबिर, डॉक्टर सैयद शाहिद अली, एस ए हसन, हकीम अहमद एडवोकेट, मज़हर बैग, निसार अहमद, मोहम्मद अहमद खान, मोहम्मद जुबेर आदि मौजूद थे।


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