वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
लिगामेंट रिपेयरिंग के लिए अब लखनऊ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिला चिकित्सालय/मेडिकल कॉलेज में ही मरीज अब घुटने व कंधों की दूरबीन विधि से सर्जरी कर पाएंगे। मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ आशुतोष वर्मा को आर्थ्रोस्कॉपी में फैलोशिप मिली है। उन्हें यह प्रमाण पत्र केजीएमयू के प्रोफ़ेसर और आर्थ्रोस्कॉपी एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश के प्रेसीडेंट डॉ आशीष कुमार व सेक्रेटरी डॉ विनय पांडे द्वारा दी गई है।
असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज डॉ आशुतोष वर्मा ने बताया कि केजीएमयू लखनऊ के अटल बिहारी बाजपेई हाल में आयोजित समारोह में उन्हें आर्थ्रोस्कॉपी फैलोशिप से नवाजा गया है। पहले दूरबीन विधि से लिगामेंट रिपेयरिंग के लिए मरीज को लखनऊ के चक्कर लगाने पड़ते थे, परंतु अब वह मेडिकल कॉलेज में ही इस सेवा का लाभ ले सकते हैं।
उन्होंने यह प्रशिक्षण मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली से प्राप्त किया है और रविवार को आर्थ्रोस्कॉपी काॅनक्लेव 2024 समारोह के दौरान उन्हें अर्थोस्कोपी एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार व सचिव डॉ विनय पांडे द्वारा यह प्रमाण पत्र दिया गया है। मेडिकल कॉलेज में दूरबीन विधि से अब घुटनों व कंधों की सर्जरी हो सकेगी जो बेहद फायदेमंद है इससे कम समय में ही मरीज घर जा सकेगा और बड़े ऑपरेशन से भी बचेगा।
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