भारतीय बौद्ध महासभा ने किया शोकसभा का आयोजन, करही गांव में किया गया मृत्युभोज का बहिष्कार | New India Times

अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:

भारतीय बौद्ध महासभा ने किया शोकसभा का आयोजन, करही गांव में किया गया मृत्युभोज का बहिष्कार | New India Times

गोल्हौरा थाना क्षेत्र के करही खास गांव में भारतीय बौद्ध महासभा की ओर से शोकसभा कर मृत्युभोज का बहिष्कार किया गया। बौद्धाचार्य केदारनाथ आजाद ने उपस्थित लोगों को त्रिशरण एवं पंचशील ग्रहण कराया। इस दौरान लोगों ने मृतक रविन्द्र प्रसाद के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किया।

शोकसभा को संबोधित करते हुए भारतीय बौद्ध महासभा के जिला उपाध्यक्ष डाॅ जेपी बौद्ध ने कहा कि हमारे संगठन का उद्देश्य है कि समाज में कई पीढियों से प्रचलित कुरीतियां, ढोंग, पाखंड व आडम्बर को जड़ से समाप्त किया जाए। मृत्युभोज भी उन्हीं सामाजिक कुरीतियों में से एक कुरीति है। इसे हम सभी को जल्द से जल्द खत्म करना होगा। मृत्युभोज से किसी का भला नहीं होने वाला है।

लार्ड बुद्धा नेशनल चौरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक जय किशोर गौतम ने कहा कि मृत्युभोज बहिष्कार को लोगों का काफी जन समर्थन मिल रहा है। हमारे संविधान में भी मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अनुसार मृत्युभोज को प्रतिबंधित किया गया है। इस नियम के अनुसार राजस्थान में इस कर्मकांड को करने पर सजा का प्रावधान किया गया है।

वरिष्ठ सामाजिक चिंतक हंसराज गौतम ने कहा कि जो धन हम इन कर्मकाण्डों को करने में खर्च कर देते हैं वही धन बचाकर हम उन बच्चों के परिवरिश व उनके शिक्षा-दीक्षा पर कर सकते हैं जिनके सिर से पिता का साया उठ गया हो।
इस अवसर पर दिनेश गौतम, बिगाडू, जोगेंद्र प्रसाद, हरेन्द्र प्रसाद, जितेन्द्र प्रसाद, लवकुश, राम नरेश, माता प्रसाद, डाॅ रामसूरत, विक्कू प्रसाद, प्रेमसागर, डाॉ शैलेष, हरीश, बजरंगी प्रसाद, लवकुश, सुरेंद्र कुमार, रोहित आदि सहित भारी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे मौजूद रहे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading