मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ़ ईमानदार चेहरे का अभाव, 20 साल बाद मैदान में उतरे राजू बोहरा, MVA के धरने में दिया भाषण | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ़ ईमानदार चेहरे का अभाव, 20 साल बाद मैदान में उतरे राजू बोहरा, MVA के धरने में दिया भाषण | New India Times

भाजपा के ताकतवर नेता गिरीश महाजन की घेराबंदी करने की मंशा से महाविकास आघाड़ी ने विधानसभा चुनाव के ठीक दो महीने पहले आंदोलनों की आड़ में राजकीय कार्यक्रम शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित और महाराष्ट्र में संभावित सत्ता परिवर्तन के विश्वास से सराबोर MVA के कार्यकर्ताओं की अपने अपने दलों में गोलबंदी और घर वापसी तेज हो गई है। महाजन के ब्लॉक जामनेर की राजकीय परिस्थिति महाराष्ट्र से बिल्कुल दिगर है यहां का विपक्ष नगर परिषद चुनाव में भाजपा के विरोध में लड़ता है। आपसी सहमति और रजामंदी से निगम का चुनाव जीत भी जाता है लेकिन उसी विरोधी पक्ष के कुछ नेताओं का तबका विधानसभा चुनाव के दौरान छद्म तरीके से भाजपा के पक्ष में नज़र आता है।

मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ़ ईमानदार चेहरे का अभाव, 20 साल बाद मैदान में उतरे राजू बोहरा, MVA के धरने में दिया भाषण | New India Times

भाजपा के बाद NCP (शरदचंद्र पवार) जामनेर में दूसरे नंबर की पार्टी है। 2004-2024 बीस सालों बाद सुभाष चंपालाल बोहरा (राजू बोहरा) NCP (SP) में सक्रिय हो गए हैं। MVA द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन में भाषण करते हुए बोहरा ने कहा कि एक एक वोट की कीमत क्या ? होती है यह लोकसभा चुनाव के नतीजों ने दिखा दिया है। हाथ से हाथ मिलाओ-वोट से वोट जोड़ो के संदेश के साथ बोहरा ने अपना भाषण समाप्त किया। MVA में शामिल तीनों दलों के लोकल पदाधिकारीयों ने धरने का मंच साझा किया। MVA के पास गिरीश महाजन के खिलाफ़ विधानसभा के लिए ईमानदार और लोकप्रिय चेहरे का अभाव बरकरार है।

शिवसेना कार्यालय का उद्घाटन

जामनेर में शिवसेना उद्धव ठाकरे के पार्टी कार्यालय का शुभारंभ किया गया। जिला प्रमुख दीपक राजपूत के नेतृत्व में शिवसेना ने जामनेर में दफ़्तर खोलकर भाजपा को चुनौती देने का प्रयास किया है। MVA के तीनों दलों में वरिष्ठ समन्वयक के रूप में सुभाष बोहरा की भूमिका उभरती हुई दिखाई पड़ रही है। नगर परिषद के पहले विधानसभा के आम चुनाव होने हैं देखते हैं राजनीत में धुंधला अतित अपना प्रभाव बनाए रखता है या फिर वर्तमान अपने भविष्य के लिए कोई नया सुनहरा विकल्प तलाशता है।


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