मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर/मुंबई (मप्र), NIT:
मुंबई सहित देशवासियों ने शिवसेना सुप्रीमों स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे के सियासी उरूज और ज़वाल को अपनी आंखों से देखा है। जिस तेज़ी के साथ शिवसेना उभरी थी,उसे तेज़ी के साथ उसका विघटन भी हुआ, जिससे एक बात यह साबित हो गई के नफ़रत की सियासत लंबे समय तक नहीं चल सकती।
शिवसेना के ज़िम्मेदारों को सत्ता में रहने के लिए समझौते की पॉलिटिक्स को अंगीकार करना पड़ा और मोहब्बत की दुकान चलाने वालों के साथ समझौता करना पड़ा। एक ज़माने में शिवसेना को एक धर्म विशेष का विरोधी होने के साथ यूपी और बिहार वालों का भी विरोधी कहा जाता था लेकिन बदलते समय के साथ शिवसेना और उसके ज़िम्मेदारों और कार्यकर्ताओं की मानसिकता में शायद कुछ परिवर्तन आया है, जो भारत की धर्मनिरपेक्षता, भारत के सामाजिक सद्भाव के लिए, भारत को उन्नति के शिखर पर पहुंचने के लिए बेहद फायदेमंद है।
इस संदर्भ में आज बात हो रही है शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे ग्रुप) की पार्टी के सांसद संजय दीना पाटिल के नवाचार की। और इस साल हज पर से लौटे हाजियों को मुंबई के बांद्रा टर्मिनस, मुंबई सेन्ट्रल, लोक मान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) व दीगर स्टेशनों पर खिदमत के नज़ारे देखने को मिले। दीगर समाज के लोग हाजियों के इस्तक़बाल में खड़े रहे। उनके लिए नाश्ते का इंतज़ाम, पानी का माकूल इंतज़ाम, मेडिकल की सहूलियत का भी एहतेमाम किया गया था। रेल्वे प्रशासन भी हाजियों की खिदमत में जुटा रहा। हाजियों के सामान को प्लेटफार्म व उनके कोच तक पहुँचाने तक की खिदमात अंजाम दी गई। हाजी साहेबान ने ख़ुशी का इज़हार करते हुए सभी की सेहत तंदरुस्ती की दुआएं दी। मुंबई इबारकेशन पॉइंट से हज के लिए लगने वाले कम खर्च की वजह से इस साल हिंदुस्तान के बहुत से सूबों (राज्यों) के आज़मीन (आवेदकगण) ने हज के लिए मुंबई से जाने का इंतेखाब (चयन) किया था।
यही वजह रही कि मुंबई से जाने वाले हाजियों की तादाद इस साल ज़्यादा थी, हज से वापसी के वक़्त अपने-अपने शहर रवानगी के लिए मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, राजस्थान, छतीसगढ़, कर्नाटक वगैरह के हाजी साहेबान जब रेल्वे स्टेशन पहुँचे तो यहां भी उनकी खिदमत के लिए लोग तैयार थे। शिवसेना (यू बी टी ) सांसद संजय दीना पाटिल ने ज़ाती तौर पर दिलचस्पी (व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर) लेकर रेल्वे से हज यात्रियों के लिए हैल्प डेस्क बनाने, उनका इस्तक़बाल (स्वागत) के साथ स्टेशनों पर उनके लिए हर मुमकिन सहूलियत मुहैय्या कराए जाने की सिफारिश की थी जिसे रेल्वे प्रशासन ने कुबूल (स्वीकार) कर लिया था और तमाम इंतेज़ामात (व्यवस्थाएं) किए। सांसद संजय दीना पाटिल की टीम के लोग अलग-अलग स्टेशनों पर खिदमत देते नज़र आए।
सांसद संजय दीना पाटिल की इन कोशिशों से हाजियों को हुई सहुलियतों (सुविधाओं) के लिए ऑल इण्डिया हज वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत ख़ान और उनकी टीम के समस्त पदाधिकारी और सदस्यों ने उनका शुक्रिया अदा किया है। श्री खान ने कहा के निश्चित रूप से सांसद संजय दीना पाटील का उक्त कार्य तारीफ़ के क़ाबिल है।
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