अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:
स्थानीय ब्लॉक सभागार में मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी इटवा की अध्यक्षता में मान्यता विहीन मदरसा संचालकों के साथ एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी इटवा महेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार बिना मान्यता के संचालित मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को अपने निकट के परिषदीय विद्यालयों में नामांकन कराया जाना है। सभी मदरसा संचालकों को बताया गया है कि वह अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों में नामांकन कराएं। जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल हो और उन्हें आधुनिक विषय की शिक्षा मिल सके।
उन्होंने आगे बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाना है। इसके लिए शासन स्तर से यह निर्देश हुआ है कि जनपद स्तर पर जिला अधिकारी द्वारा एक समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें उपजिला अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शामिल रहेंगे तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी समिति का सहयोग करेंगे। इसके अलावा अनुदानित मान्यता प्राप्त मदरसा में अध्यनरत गैर मुस्लिम बच्चों के भी सूची उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की गई है। बताया जाता है कि इटवा विकास खंड में 18 तथा और खुनियांव विकास खंड में 27 मदरसे बिना मान्यता के संचालित हैं। कुल मिलाकर 45 मान्यता विहीन मदरसों में 5874 बच्चें पढ़ रहे हैं। जिनका निकट के परिषदीय विद्यालय में नामांकन कराया जाना है।
इस अवसर पर मौजूद मदरसा संचालकों ने अपना सुझाव देते हुए बताया कि जब अल्पसंख्यक विभाग से मान्यता प्रदान करने की प्रक्रिया 2013-14 से बन्द है, तो मान्यता कैसे ली जाए। साथ ही अगर अपने बच्चों का नामांकन परिषदीय विद्यालयों में करा दिया जाए तो वहाँ पर हमारी दीनी तालीम कैसे होगी। उर्दू, अरबी बच्चे कैसे पढ़ेंगे। इसके अलावा सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन के तीन-चार साल बाद मान्यता प्राप्त करने का मियाद है। जो मदरसे पहले के रजिस्टर्ड हैं, लेकिन मान्यता पर रोक लगी है, तो ऐसे मदरसों को किस बिना पर बन्द किया जा सकता है। खण्ड शिक्षा अधिकारी महेन्द्र प्रसाद ने मौजूद लोगों द्वारा दिए गए सुझाव को नोट किया और कहा कि आप लोगों की बातें जिला अधिकारी के समक्ष रखा जाएगा।
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