25% कमीशन ने बिगाड़ी सड़कों की गुणवत्ता, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ऊंचे दर की टेंडरिंग से की जा रही है सरकारी तिजोरी की लूट | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

25% कमीशन ने बिगाड़ी सड़कों की गुणवत्ता, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ऊंचे दर की टेंडरिंग से की जा रही है सरकारी तिजोरी की लूट | New India Times

New India Time’s ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में की जा रही आर्थिक धांधली को लेकर 24 जुलाई को मंत्री गिरीश महाजन के मिनी बारामती से हमने एक रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि किस प्रकार से एक किलो मीटर सड़क के निर्माण और दर्जा सुधार यानी मरम्मत के लिए 60/65 लाख रुपए खर्च किए गए है। BBM का काम किए बिना लाल मिट्टी का लेयर बिछाकर उस पर पानी छिड़ककर रोलर से दबाई करवा दो हो गया दर्जा सुधार।

25% कमीशन ने बिगाड़ी सड़कों की गुणवत्ता, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ऊंचे दर की टेंडरिंग से की जा रही है सरकारी तिजोरी की लूट | New India Times

नई सड़क बनानी है तो इसी लेयर पर गिट्टी बिछा दो फिर डामर स्प्रे फिर बजरी पावडर छिड़को आखिर में हाइड्रोलिक रोलर से फास्ट दबाई हो गया काम। पूरा जामनेर ब्लॉक छान मारने पर पता चला कि मुख्यमंत्री सड़क योजना से करवाए काम बोर्ड पर है लेकिन जमीन पर नहीं। जहां ज़मीन पर है वहां वो ज़मीन के नीचे धंस चुके हैं, लोकल ठेकेदार किनारे कर दानवीर करोड़पति विकासको को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए टेंडरिंग प्रक्रिया मे गड़बड़ी करी गई है, कम से कम लागत वाले टेंडर को तरजीह देने के बजाय अधिकतम दर पर टेंडर पास किए गए है। इसका दिलचस्प कारण कमीशन की रकम के गबन की सुविधा को बताया जा रहा है।

25% कमीशन ने बिगाड़ी सड़कों की गुणवत्ता, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ऊंचे दर की टेंडरिंग से की जा रही है सरकारी तिजोरी की लूट | New India Times

महाराष्ट्र के सभी जिलों में कमीशन सिस्टम का फिक्स फार्मूला कुछ इस तरह से है पीडब्ल्यूडी के शीर्ष अधिकारी को 10% , लोकल MLAs को 10% , Mesorments Billing Unit 3% और चमचा समूह 2% कुल 25% खाने खिलाने में सरक जाता है इस लिए विश्वगुरु भारत का रोड दरक जाता है। कल परसो फंड को लेकर अजीत पवार और गिरीश महाजन के बीच झगड़ा हो गया। काश यह झगड़ा CMGSY के घटिया कामों और विवादित टेंडरिंग प्रक्रिया को लेकर किया जाता लेकिन जो सदन में खामोश रहे वो सदन के बाहर शुचिता और पारदर्शिता पर कुछ बोले इसकी उम्मीद रखना बेकार है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading