निजी चिकित्सालय की लगातार आ रही शिकायतों के बाद सीएमओ खीरी ने लोगों से की अपील | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

निजी चिकित्सालय की लगातार आ रही शिकायतों के बाद सीएमओ खीरी ने लोगों से की अपील | New India Times

जनपद में चल रहे निजी चिकित्सालय को लेकर लगातार आ रही शिकायतों के दृष्टिगत सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने आम जनमानस से अपील करी है कि वह स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप चल रहे चिकित्सालय में ही अपना इलाज कराएं। इनके बारे में आवश्यक जानकारी जरुर कर लें। इसे लेकर नौ महत्वपूर्ण बिंदु उनके द्वारा बताए गए हैं।

उन्होंने बताया कि जनपद का कोई भी नागरिक यदि अस्वस्थ/बीमार है तो  ऐसी दशा में किसी भी निजी चिकित्सालय में जाने से पूर्व निम्न बिन्दुओं के विषय में अत्यन्त जानकारी प्राप्त कर लें, कि निजी चिकित्सालय पंजीकृत है अथवा नहीं है यह जांच लें। यदि चिकित्सालय पंजीकृत है तो उस चिकित्सालय के मुख्य  द्वार अथवा भवन में एक पीले रंग का बोर्ड/फ्लैक्स लगा हुआ होगा जिसमें चिकित्सालय के चिकित्सक का विवरण व पंजीकरण संख्या अंकित होता है। यदि मरीज आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित है तो योजना से सूची बद्ध चिकित्सालय को ही वरीयता प्रदान करे तथा चिकित्सालय में जाने से पूर्व योजना से आच्छादित चिकित्सालय की सूचना प्राप्त करे कि चिकित्सालय आयुष्मान योजना में सूची बद्ध है अथवा नहीं। यदि मरीज का आपरेशन कराया जाना है तो आपरेशन से पूर्व चिकित्सालय से आपरेशन में आने वाले खर्च की संभावित राशि पता कर लें अन्यथा की दशा में आपरेशन के बाद चिकित्सालय प्रबन्धन से विवाद की स्थिति न उत्पन्न हो। चिकित्सालय में बीमारी के दौरान इलाज पर हुए व्यय का पूर्ण विवरण रसीद तथा डिस्चार्ज पेपर भी अवश्य लें। यदि चिकित्सालय द्वारा कोई जांचे इत्यादि करायी जाती है तो जांच रिपोर्ट भी अवश्य अपने पास रखे। यदि किसी मरीज का आपरेशन होना है तो आपरेशन से पूर्व सर्जन के विषय में चिकित्सालय प्रबन्धन से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें, कि कौन से सर्जन द्वारा उनका आपरेशन किया जा रहा है। चिकित्सालय से उच्चीकृत संस्थान से रेफर होने की दशा में किसी भी दलाल/बिचौलिए इत्यादि के झांसे में न पड़े तथा रेफरेल स्लिप (संदर्भन पर्ची) अवश्य प्राप्त करे। जानकारी ही समझदारी है आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। अपना इलाज प्रशिक्षित, योग्य एवं कुशल डाक्टर से कराये। उपचार के बाद देखभाल, फालोअप प्रक्रियाओं और उपचार के बाद की देखभाल, योजनाओं को डाक्टर से स्पष्ट करे तथा पूरी तरह पालन करें। इन सभी बिंदुओं का ध्यान रखने पर न सिर्फ आपकी मैरिज का बेहतर इलाज होगा बल्कि आप किसी भी तरह की हानि होने से भी बच जाएंगे।


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