फैज़ान खान, बिजनौर/नई दिल्ली, NIT:
पिछले 35 दिनों से जेल में बंद भीमसेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर के ससुर शिवचरण सिंह मुंशीजी और अन्य दलित युवक भीमसेना के कार्यकर्ता सचिन राज को आखिरकार जमानत मिल ही गई। रिहाई की खुशी में मोहल्ला शाहचंदन और मोहल्ला सराय रफी में जमकर खुशियां मनाई गई। फूल-मालाओं, नोटों की मालाओं और ढोल-बाजों के साथ चांदपुर पहुंचने पर उनका जमकर स्वागत किया गया। ढोल-बाजों की ताल पर युवा भीम सैनिकों ने जमकर डांस किया।
भीम सेना जिंदाबाद, नवाब सतपाल तंवर जिंदाबाद, बहन निशा तंवर जिंदाबाद के नारे लगाए गए। ये सब देखकर शिवचरण सिंह अपने आंसू नहीं रोक पाए तो मोहल्ले के महिलाओं ने उनका हौंसला बढ़ाया। बच्चों और महिलाओं ने उनके पैर छूकर मुंशीजी का आशीवार्द लिया। शिवचरण सिंह मुंशीजी दिल्ली की महिला अधिवक्ता निशा तंवर के पिताजी हैं। पिछले दिनों उनकी रिहाई के लिए राजधानी के जंतर-मंतर पर निशा तंवर की अगुवाई में प्रदर्शन भी किया गया था। पुलिस पर भी गंभीर आरोप विचाराधीन हैं। दिल्ली के कई राष्ट्रीय आयोग आरोपों की जांच कर रहे हैं।
उनके ऊपर चांदपुर थाना पुलिस ने दो केस दर्ज किए थे। एक मामले में उनके ऊपर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को अवैध रूप से स्थापित किए जाने का आरोप है। पुलिस ने इसी मामले में मुंशीजी को गिरफ्तार किया था। मामले में 12 जुलाई को बिजनौर सत्र न्यायालय ने जमानत मंजूर कर ली थी। उन्हें 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी गई थी। हिरासत के दौरान चांदपुर थाना पुलिस ने उनके ऊपर एक अन्य मामला भी दर्ज कर दिया था। भीमसेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर और अन्य लोगों पर दर्ज मारपीट मामले में शिवचरण सिंह को भी आरोपी बनाया गया था।
इस मौजदा मामले में एडिशनल सिविल जज (जूनियर डिविजन) चांदपुर न्यायालय ने 19 जुलाई शुक्रवार को 30 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। दोनों मामलों में बराबर मुचलका राशि पर अन्य दलित युवक भीम सेना के कार्यकर्ता सचिन राज को भी जमानत दे दी गई है। दोनों को शनिवार सुबह जेल से रिहाई मिल है। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी से बचने के लिए फिलहाल भीमसेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर भूमिगत हैं। अन्य दर्जन भर से ज्यादा आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है।
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