सलमान चिश्ती, रायबरेली ( यूपी ), NIT; मिल एरिया थाना क्षेत्र के कल्लू का पुरवा में 29 अक्टूबर को पत्रकाररघर पर जानलेवा करने वाले दबंग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस किसी को पहचानती नही है, दिखाई पड़े तो बताना वाली तर्ज पर रुकी है।
29 अक्टूबर के बाद से विपक्षी महिला के घर ताला लटक रहा है, अचानक 12 नवम्बर की सुबह महिला ने अपने घर का ताला खोला, इसी बीच उसका भाई नशे में धुत होकर सुबह आ पहुंचा और खुद को फर्जी मामले फंसाने के लिए बहन को भद्दी भद्दी गालिया देने के बाद पत्रकार के घर ऐलानिया धमकी देते हुए फरार हो गया, जिसकी सूचना स्थानीय दरोगा को दी गयी। बीते 16 नवम्बर की रात महिला फिर अपने घर पहुंची, 11:30 बजे के लगभग नशे में धुत होकर पत्रकार परिवार को गालियां व पत्रकार को भद्दी भद्दी गालियां देने के साथ अन्य गंभीर धाराओं में फंसाने की धमकियां देती रही और सभी सुनते रहे, जिसकी सूचना स्थानीय दरोगा को फोन के माध्यम से दी गयी। पुलिस ने बताया कोर्ट से जमानत करवाकर महिला आई है। लगभग 1 बजकर 20 मिनट पर पुलिस मौके पर पहुंची, पुलिस को देखकर नशे में धुत महिला मौके से अंधेरे में फरार हो गयी, लेकिन उसके भाई को उसके घर से दबोचकर पुलिस थाने ले गयी। इस बात से साफ जाहिर होता है कि विपक्षी महिला कोई षड्यंत्र रचकर पत्रकार को फंसाने या अन्य घटना से पत्रकार एसके सोनी के लिए खतरा बन सकती है। सबसे बड़ा सवाल, आखिर पुलिस ने पत्रकार पिता की तहरीर पर धारा हल्की क्यों लिखी, तहरीर क्यों बदलाई, 10 कदम की दूरी के कब्रिस्तान से अचानक आये 15-16 लड़कों द्वारा डंडा, सरिया, हाकी से जानलेवा हमला करने पर सही धारा क्यों नहीं लगाई? आखिर वह 15 लड़के कौन थे जो बुलाये गए थे? जहाँ उनकी गाड़ियां खड़ी थीं वहां जाकर जांच क्यों नहीं की गई, सभी जाँच के विषय है। फिल्हाल इस मामले पर 12 नवम्बर को पत्रकार ने संगठन अध्यक्ष के साथ प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर राज्यमंत्री व मुख्यमंत्री को इस घटना से अवगत कराया है।
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