रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
थांदला आचार्य श्री उमेशमुनिजी म. सा. के सुशिष्य प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती अणुवत्स श्री संयतमुनिजी, आदित्यमुनिजी, अमृतमुनिजी, अचलमुनिजी ठाणा 4 का थांदला नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। गौरतलब है कि इस बार वर्षावास 20 जुलाई से प्रारंभ होगा। संत मंडल के मंगल प्रवेश को लेकर सकल जैन समाज एवं जैनेत्तर धर्मप्रेमी जनों में जबर्दस्त उत्साह दिखाई दे रहा था। मुनि मंडल का सैलाना, पिपलौदा, रावटी, करवड, बामनिया, खवासा, कुशलगढ़ आदि क्षेत्रों में धर्म प्रभावना करने के पश्चात यहां चातुर्मासार्थ मंगल पदार्पण हुआ।
संत मंडल की अगवानी हेतु यहाँ विराजित प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी साध्वीश्री निखिलशीलाजी व साध्वी मंडल सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएँ व बच्चें-बुजुर्ग का कुशलगढ़ रोड़ पर संयमी आत्माओं की अगवानी हेतु मानो सैलाब उमड़ पड़ा। इस मंगल प्रसंग पर सकल जैन समाज की नवकारसी का आयोजन संस्कार पब्लिक स्कूल पर रखा गया। जिसका लाभ बुद्धिलाल कांकरिया, शैतानमल लोढा व महावीर गादिया परिवार ने लिया। संस्कार पब्लिक स्कूल पर ललित कांकरिया, ममता कांकरिया आदि ने व स्कूल के बच्चों ने संत मंडल की अगवानी कर दर्शन वंदन का लाभ लिया। अणुवत्स संयतमुनिजी ने सभी को मांगलिक श्रवण करवाई।
जयकारों से गुंजायमान हो गया धरती आसमां
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष भरत भंसाली व सचिव प्रदीप गादिया ने बताया कि मंगल प्रवेश यात्रा के दौरान श्रावक – श्राविकाएँ व बच्चें श्रमण भगवान महावीर स्वामी, आचार्यश्री उमेशमुनिजी, प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी, अणुवत्सश्री संयतमुनिजी एवं साध्वीश्री निखिलशीलाजी व साध्वी वृंद की जय जयकार और गुरु गुणगान करते हुए चल रहे थे। इस दौरान मानो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि धरती, आसमां गुंजायमान हो गया। मंगल प्रवेश यात्रा में छलकते उत्साह के साथ श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। मंगल प्रवेश यात्रा के दौरान अणुवत्स संयतमुनिजी ने मार्ग में जगह जगह मांगलिक श्रवण करवाई।
“थांदला के नंदन – कोटि कोटि वंदन”, ये आचार्य अणु के शिष्य हैं, हम भक्तों के भविष्य हैं”, संयम इनका सख्त हैं, तभी तो लाखों भक्त हैं, श्रमण संघ की शान हैं, उमेश गुरु महान है, ऐसे अनेक जयघोष के साथ मंगल प्रवेश यात्रा संस्कार पब्लिक स्कूल, पुरानी कृषि उपज मंडी, तेजाजी मंदिर, कुम्हारवाड़ा, एमजी रोड़, नयापुरा, गणेश मंदिर गली, आजाद चौक होते हुए अणुनगरी में अणु शिष्यों का पौषध भवन स्थानक पर पावन पदार्पण हुआ। यहाँ मुनि मंडल को साध्वी वृंद ने वंदना कर तथा श्रावक – श्राविकाओं व बच्चों ने मुनि वृंद व साध्वी मंडल को सामूहिक वंदना कर ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप, स्वाध्याय एवं विहार आदि की सुखसाता पूछी।
प्रवेश के तत्काल बाद आयोजित धर्मसभा मे अणुवत्सश्री संयतमुनिजी ने कहा कि वर्षावास मे ज्ञान, दर्शन चारित्र व तप की विशिष्ट आराधना करना है साधु साध्वी अपने कल्प के अनुसार विचरण करते है। वर्षावास मे एक स्थान पर वास करना होता है। वर्षावास भगवान की आज्ञा है। थांदला आचार्य श्री उमेशमुनिजी की जन्मभूमि है। जन्मभूमि मे हमारा चातुर्मास हो रहा है। आज सभी के मन मे बडी उत्सुकता व प्रसन्नता दिखाई दे रही है। यह प्रसन्नता चातुर्मास के अंत तक दिखाई दे। किसी भी आराधना मे अपनी शक्ति का गोपन नही करना है। आराधना महोत्सव का सभी अच्छी तरह से लाभ लेवे। वर्षावास मे जिनवाणी के माध्यम से विषय] कषाय आदि को धो डालना है। वर्षावास मे आवास करना है प्रवास नही। वर्षावास आराधना के लिये है आडम्बर के लिये नही। सभा मे आदित्य मुनिजी ने कहा कि -वर्षावास जिनवाणी आदि का बराबर लाभ लेना है आराधना का अवसर बहुत कम मिल पाता है।
इस अवसर को चुके नही। चातुर्मास के अंत तक जो खुशीयां आज दिखाई दे रही है वह खुशियां चातुर्मास के अंत तक रखना है। संत मंडल व साध्वी मंडल ने स्तवन प्रस्तुत किया। साध्वी वृंद ने स्वागत स्तवन गाया। बामनिया श्रीसंघ के पूर्व अध्यक्ष विमल मुथा व श्री धर्मलता जैन महिला मंडल की अध्यक्ष पुष्पा घोडावत ने भी विचार रखे। नई बहूओ ने संवाद प्रस्तुत कियाा। संचालन श्रीसंघ के सचिव प्रदीप गादिया ने किया। प्रभावना का लाभ स्व. संतोष बहन रतीचन्दजी श्रीमार परिवार लिमड़ी व मनीष मनोज जैन जैन इलेक्ट्रिक थांदला ने लिया। मंगल प्रवेश पर लिमड़ी, मेघनगर, कल्याणपुरा, बामनिया, आलोट, नवसारी, रतलाम, इंदौर आदि कई स्थानों के श्रावक-श्राविकाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। आतिथ्य सत्कार का लाभ श्रीसंघ ने लिया।
चातुर्मास के सुनहरे पावन सानिध्य का लाभ लेवे
अणुवत्स श्री संयतमुनिजी, मुनि मंडल एवं साध्वीश्री निखिलशीलाजी व साध्वी वृंद सहित चतुर्विद संघ के मिले इस सुनहरे अवसर का पूरा पूरा लाभ लेने का श्रीसंघ ने समस्त श्रावक-श्राविकाओं से अनुरोध किया हैं। श्री ललित जैन नवयुवक मंडल के अध्यक्ष रवि लोढ़ा व सचिव संदीप शाहजी ने बताया कि इसके अंतर्गत प्रतिदिन पौषध भवन पर राई प्रतिक्रमण, श्रावक श्राविकाओं के लिए शिविर, धार्मिक क्लास पौषध भवन पर श्रावक वर्ग का देवसीय प्रतिक्रमण, चौवीसी व कल्याण मंदिर एवं ज्ञान चर्चा होगी। वहीं दौलत भवन पर श्राविका वर्ग का राई व देवसीय प्रतिक्रमण होगा। इसी के साथ चातुर्मास प्रारंभ दिवस से एकासन, आयंबिल, उपवास, तेला आदि तप की लड़ी चलेगी।
संयमी आत्माओं का पूरा पूरा लाभ ले संत वृंद व साध्वी मंडल के सानिध्य में संघ में विभिन्न आराधनाएं होगी। श्रीसंघ ने सभी श्रावक श्राविकाओं से संत वृंद व साध्वी मंडल के साथ चतुर्विद संघ के मिले पावन सानिध्य का अधिक से अधिक लाभ लेने का आह्वान किया हैं। शनिवार से प्रतिदिन संत मंडल व साध्वी मण्डल के व्याख्यान प्रात: 9 से 10 बजे स्थानीय पौषध भवन पर होगे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.