नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को जून 2024 के बिजली बिल्स ने जबरदस्त झटका दिया है। मई में 130 यूनिट वाली खपत को जून बिलिंग में अचानक 230 यानी 100 यूनिट से बढ़ाया गया है। जून मे 30% की बढ़ोतरी को बोर्ड ने यूनिट के साथ छेड़छाड़ कर कर लोगों के ऊपर थोप दिया है। जनता को लूटने का यह वैध सरकारी फार्मूला है। महाराष्ट्र भाजपा ने नरेटिव शब्द का सहारा लेकर लोकसभा चुनाव में पार्टी की हुई करारी हार को नकार दिया है। भाजपा अपने ही बनाए नेरेटिव में फंस और धंस गई है। ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस का कामकाज तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार में शामिल नितिन राउत के काम से कई गुना अधिक आर्थिक लूट का मालूम पड़ने लगा है। स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर के फैसले को शिंदे-फडणवीस सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टाल दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या शिंदे-फडणवीस सरकार गौतम अडानी को दिया हुआ स्मार्ट बिजली मीटर का करीब 13 हजार 888 करोड़ का टेंडर वापिस लेगी? अभी तो बारामती विभाग का 3300 करोड़ रुपया अदानी को सरकारी खजाने से दिया जा चुका है।
ठेकों का ब्योरा कुछ इस प्रकार से…
कोंकण कल्याण क्षेत्र में 63 लाख 44 हजार 66 मीटर लगाने के लिए 7 हजार 594 करोड़ रुपए का टेंडर गौतम अडानी को दिया गया है। बारामती पुणे क्षेत्र में 52 लाख 45 हजार 917 मीटर के लिए 6 हजार 294 करोड़ का टेंडर गौतम अडानी को दिया गया है। नाशिक जलगांव क्षेत्र में 28 लाख 86 हजार 622 मीटर के लिए 3 हजार 461 करोड़ रुपए का टेंडर नागार्जुन कंस्ट्रक्शन हैदराबाद को दिया गया है। लातूर नांदेड़ औरंगाबाद क्षेत्र 27 लाख 77 हजार 759 मीटर के लिए 3 हजार 330 करोड़ रुपए का टेंडर मोंटेक अरलो कंपनी को दिया गया है। चंद्रपुर गोंदिया नागपुर 30 लाख 30 हजार 346 मीटर के लिए 3 हजार 635 करोड़ का टेंडर Genus कंपनी को दिया गया है। अकोला अमरावती क्षेत्र में 21 लाख 76 हजार 636 मीटर के लिए 2 हजार 660 करोड़ इस प्रकार से 2 करोड़ 24 लाख 61 हजार 346 स्मार्ट मीटर के लिए 26 हजार 923 करोड़ रूपए मंजूर किए जाने हैं। 2014 का विधानसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ी शिवसेना ने 100 यूनिट तक बिजली फ्री देने की बात करी थी। महाराष्ट्र पर सात लाख करोड़ का कर्ज़ चढ़ाया जा चुका है। बेरोजगारी के कारण प्रति व्यक्ति आय घट चुकी है। GST और उससे बढ़ी महंगाई ने आम आदमी की बचत खत्म कर दी है। जनता खुलकर बोल रही है कि जो पार्टी दिल्ली और पंजाब की तर्ज़ पर घरेलू उपभोक्ताओं को 0 से 100 यूनिट तक बिजली मुफ़्त देगी उसे ही सरकार में आनी चाहिए। आने वाले चुनाव में स्मार्ट प्रीपेड मीटर निति का उच्चाटन और फ्री बिजली के बारे में सभी दलों को अपने मेनिफेस्टो में कोई ठोस निर्णय लेना होगा।
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