नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
पाचोरा Y प्वाइंट से मार्केट कमेटी, भुसावल T प्वाइंट से सोना तोल कांटे तक, आगे गांधी चौक में सब्जी मंडी के अभाव के कारण सड़क के दोनों तरफ लगने वाला सब्जी बाजार और तमाम छोटे छोटे दुकान बीते सात दिनों से मंत्री गिरीश महाजन की प्रतीक्षा में बंद है। 19 जून को नगर परिषद ने PWD के बगैर पुलिस से विशेष सहायता लेकर दुनिया की एकमात्र महान फोरलेन सड़क से सारा का सारा ठेला खदेड़ दिया गया। 500 परिवार इतनी महंगाई में बिना कमाए, बचत के पैसों से घर में बैठकर खाने और खिलाने को मजबूर हैं। हालात से मजबूर यह सारे प्रार्थिगण मंत्री जी के मुंह से बस इतना सुनने के लिए तरस रहे हैं कि ” ठीक है अपनी अपनी दुकानों को सड़क के किनारे दबाकर लगाओ ट्रैफिक व्यवस्था को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए समझ गए “।
2006 में पक्का अतिक्रमण हटाने के बाद से जामनेर में यही सब चल रहा है, सरकार ने इन लोगों के लिए न हॉकर्स झोन बनाया, न जनता मार्केट बनाकर सस्ते मे इनका पुनर्वास कराया। जो सरकारी जमीनें थी उनपर BOT तहत समाज के महाजनों को स्थापित कर दिया। धनबल की राजनीति ने सड़क पर पेट भरने वाले इन 500 परिवारों के वोटों का असर अब खत्म कर दिया है। चांद में लगे काले दाग को जिस तरह दाग हि माना जाता है वैसे हि सड़क पर रोजीरोटी कमाने वाले रेहड़ी पटरी धारकों को शहर की उस झूठी शान मे गुस्ताखी माना जा रहा है जिस शहर का आधुनिक निर्माण बीते तीस सालों में कभी हुआ हि नहीं।
वसूली ठेके से कमाई:- डेली बाजार वसूली के ठेके से निगम प्रशासन को हर साल लाखों रुपयों का राजस्व मिलता है। जब कभी निगम के चुनाव होंगे तब डेली वसूली ठेके को चलाने के लिए ठेलों को संरक्षण दिया जाएगा। जामनेर निगम में पांच साल तक 25/0 के एकछत्र अमल ने जनता को प्रजा में बदल दिया प्रजा ने भी अपने प्रजा होने में सुख माना। विधानसभा का मानसून सत्र आरंभ होने वाला है बेबस रेहड़ी पटरी वालों की प्यासी नजरे गिरीश महाजन के काफ़िले को खोज रही है।
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