मध्य प्रदेश में हुऐ नर्सिंग घोटाले को लेकर छात्र नेता रवि परमार ने सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिख कर कुछ बिंदुओं पर जांच करने की उठाई मांग | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

मध्य प्रदेश में हुऐ नर्सिंग घोटाले को लेकर छात्र नेता रवि परमार ने सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिख कर कुछ बिंदुओं पर जांच करने की उठाई मांग | New India Times

मध्य प्रदेश में बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले में एक के बाद एक नई परतें खुल रही हैं। घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसरों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता उजागर होने के बाद अब दिल्ली सीबीआई इस केस की बारीकी से निगरानी कर रही है। इसी बीच घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखा है और कुछ बिंदुओं पर जांच के दौरान विशेष ध्यान देने की गुजारिश की है।

सीबीआई के डायरेक्टर को संबोधित पत्र में व्हिसलब्लोअर परमार ने लिखा है कि फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा एक ही बिल्डिंग में नर्सिंग , पैरामेडिकल , फार्मेसी , डीएड-बीएड और अन्य कोर्स भी संचालित किए जाते हैं निरीक्षण के दौरान इसकी पुष्टि करना अतिआवश्यक है।

परमार ने पत्र में आगे लिखा है कि फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा सीबीआई जांच के बाद व जांच के दौरान प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेज संचालक किराए की बिल्डिंग छोड़कर भाग गए। उन्होंने अपनी कालेज की बिल्डिंग बदल ली लेकिन जिस बिल्डिंग में मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने 2020-21 , 2021-22 , 2022-23 की मान्यता दी उसकी जांच भी करना अतिआवश्यक है। क्योंकि फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने किराये के भवनों में कालेजों की मान्यता लेकर छात्र छात्राओं से करोड़ों रुपए की राशि फीस के रूप में वसूली है।

उन्होंने CBI डायरेक्टर से कहा कि फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा फैकल्टी को सिर्फ निरीक्षण के दौरान दिखाने के लिए ही रखा जाता है नर्सिंग कालेजों की फैकल्टी का सैलरी स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेजों की पुष्टि बारीकी से करने की आवश्यकता है। साथ ही फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा भ्रमित करने के लिए छात्रावास और अस्पताल को कुछ समय के लिए ही किराए पर अनुबंधित किया जाता हैं जिसकी पुष्टि करना भी आवश्यक है।

परमार ने यह भी कहा कि फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा लैब में किराए पर समाना लाया जाता हैं कालेजों के लैब में जो भी समान हैं उनके बिल की जांच भी करना आवश्यक है। साथ ही फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की जांच टीम में नर्सिंग के सबसे ज्यादा अनुभवी नर्सिंग स्टाफ और जो किसी भी तरह की गड़बड़ी में संलिप्त ना हो उसही को शामिल किया जाए नर्सिंग कॉलेजों के प्राचार्य/डीन और अन्य किसी की अनुशंसा पर रखे गए लोगों को जांच कमेटी से तत्काल हटाकर सिनियर और अनुभवी नर्सिंग अधिकारीयों शामिल कराया जाए।


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