मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
जल गंगा संवर्धन अभियान’ अंतर्गत आयोजित ’जल संस्कार-2024’ अंतर्गत ‘‘जल संवर्धन एवं भूमिगत जल पुनर्भरण‘‘ हेतु नगरीय क्षेत्र की आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं बुरहानपुर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने कहा कि बुरहानपुर के गिरते जल स्तर को लेकर शासन-प्रशासन के साथ हर व्यक्ति को अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी को पूरा करना होगा।
भारतीय जीवन पद्धति में पंच महाभूत-जल, आकाश, अग्नि, वायु, पृथ्वी के साथ मानव व्यवहार को विशेष महत्व दिया गया है। प्रकृति का शोषण नहीं दोहन करें। हम सभी अपने आसपास जल स्त्रोतों को एकजुट होकर बचाए। अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें। बारिश के पानी को रोककर अपने पुराने जल स्त्रोत को पुनर्जीवित करें तथा अपने-अपने घरों में रूफ रैन वॉटर हार्वेस्टिंग करवाए।
इस वर्ष 1 हजार घरों की छतों पर रूफ रैन वॉटर हार्वेस्टिंग कर करीब 10 करोड़ लीटर पानी से पुनर्भरण कर सकेंगे। बुरहामपुर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि पेड़, पानी और मिट्टी को सहेजने के इस महती कार्य में अपनी भूमिका हम खुद तय करें, इस ओर मेरा निरंतर प्रयास रहा है-‘‘मैं क्या करूं, हम क्या करें और सब क्या करें।‘‘ ‘‘माता भूमि पुत्रोहं पृथिव्या‘‘ के इस भाव से हम सब मिलकर सहेजे अपनी धरती मां को, आने वाली पीढि़यों के लिए।
बुरहानपुर जिला जल जीवन अभियान के तहत ‘‘हर घर नल-हर नल में जल‘‘ में देष में प्रथम स्थान पर रहा। ‘‘जल शक्ति से जल जीवन‘‘ का ध्येय जल संस्कार से ही चिरंतन बनेगा। बरसात का पानी सहेजेंगे तो भूमि में पानी होगा, भूमि में पानी हुआ तब ही तो नदियां सुजलाम रहेंगी। भूमि में और नदियों में पानी रहा तभी तो टंकियां भरेंगी, टंकियां भरेंगी तब घर-घर में नल से जल पहुंचेगा। इस वर्ष पानी बचाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के साथ बुरहानपुर के शहरी क्षेत्र के घरों की छत से बहने वाले करोड़ों लीटर वर्षाजल को रूफ रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से जमीन में उतारने का लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए।
विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण व संवर्धन के लिए शहर के सभी समाज के प्रतिनिधियों, शासकीय-अशासकीय संस्थानों, संगठनों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों का उन्मुखीकरण कर जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। रूफ रैन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए इच्छुक लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों, संस्थाओं के इंजीनियर्स का उन्मुखीकरण कर तकनीकी मार्गदर्शन समिति बनायी जाएगी।
लोगों को जागरूक करने के लिए शैक्षिक संस्थानों के युवा, छात्र/छात्राओं को भी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग एवं व्यवस्था बनाने के लिए जागरूक लोगों के दल बनाए जाए। जो लोगों का प्लम्बर, फिटर की उपलब्धता और अन्य सामग्री के लिए समन्वय करेे। पूरे कार्य के दस्तावेजीकरण के लिए भी एक टीम हो, जो पूरी प्रक्रिया और किए गए कार्य का लेखा-जोखा तैयार करे। महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल ने कहा कि नगर निगम ने जल मंदिर अभियान की पूरी रूप रेखा बना ली है।
जिसके तहत जनजागरण करते हुए यह अभियान वार्ड-वार्ड व कॉलोनी-कॉलोनी चलाया जाएगा। हर व्यक्ति छत के पानी से धरती माता की प्यास बुझाए। जो घर अपनी छत का जल धरती में डालेगा वह घर जल मंदिर कहलाएंगा। रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग का निगम में उसका जमा शुल्क भी वह वापस प्राप्त कर सकता है। साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग के लिए तकनीकी सहयोग नगर निगम द्वारा दिया जाएगा। सघन बस्तियों में और कुछ कॉलोनियों में भी 3-4 घर मिलकर अपना कॉमन हार्वेस्टिंग कर सकते है।
विभावरी देवास से पधारे जल विशेषज्ञ डॉ.सुनिल चतुर्वेदी ने कहा कि पानी सदैव से मनुष्य के चिंतन का विषय रहा है। आज हम जल संकट के दौर से गुजर रहे हैं। बेंगलुरु का उदाहरण हमारे सामने है। दूसरी ओर बुरहानपुर में एक बरसात के मौसम में करोड़ों लीटर पानी घरों की छतों से बहकर निकल जाता है। इस पानी को रूफ रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के ज़रिए सीधे ट्यूबवेल में उतारा जा सकता है या सोकपिट बनाकर भूजल स्तर तक पहुँचाया जा सकता है। साथ ही हमें रोज़मर्रा के कामों में पानी का उपयोग मितव्ययिता से करना होगा। तभी हम जल संकट का सामना कर सकेंगे।
कार्यशाला में पूर्व विधायक रामदास शिहवरे, सीनियर अरूण शेंडे, सीनियर ज्ञानेश्वर मोरे, जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने, मनमोहनसिंह बिंद्रा, पूर्व महापौर अतुल पटेल, माधव बिहारी अग्रवाल, शाहपुर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि वीरेन्द्र तिवारी, अमित मिश्रा, चिंतामन महाजन, पार्षद संभाजीराव सगरे, धनराज महाजन, राजू शिवहरे, आशीष शुक्ला, अनिल विस्पुते, रितेश सरोदे, मनोज फुलवाणी, हेमेन्द्र महाजन, जफर फ्रूट, गौरव शुक्ला, अशोक महाजन, अजय बालापुरकर, डॉ.मनोज अग्रवाल, प्रभाकर चौधारी, रवि गुप्ता, बलराज नावानी, अनिल जैन, ईश्वर चौहान, रूद्रेश्वर एंडोले, चिंटू राठौर, अक्षय मोरे, एडवोकेट शाकिर साहब, किशोर कामठे, दीपक अग्रवाल, निर्मल लाठ, प्रशांत पाटिल, पप्पू सेठ, डॉ.राजेश बजाज, किरण रायकवार, उमा कपूर, कविता मोरे, हरीश वाधवानी, मुकेश पूर्वे, अजहर-उल-हक, डॉ.सुभाष माने एवं भरत रावल सहित अन्य गणमान्य नागरिक व प्रकृति प्रेमी मौजूद रहे।
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