अशफ़ाक़ क़ायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:
हालांकि सीकर लोकसभा क्षेत्र से अधीकांश समय भाजपा व कांग्रेस या फिर भाजपा की मूल संगठन से सीकर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से सांसद बनते रहे हैं। जो मतदाताओं की भावनाओं से अधिक अपनी पार्टियों की लाईन व नेतृत्व के निर्देशानुसार काम करते रहे हैं। पहली दफा जनता के मध्य साधारण रुप से रहकर सरलता से उपलब्धता की छवि वाले कामरेड अमरा राम सांसद बने हैं। जिनका सीधा जुड़ाव किसान-मजदूर-दलित व अल्पसंख्यकों सहित पीडित लोगों से हमेशा रहता आया। उक्त तबके को विकल्प के तौर अब अमरा राम मिलने से उनमें अलग तरह के भाव का प्रवाह होता देखा जा रहा है।
उक्त तबकों में से मुस्लिम समुदाय में सांसद अमरा राम को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। मुस्लिम समुदाय अपने छोटे छोटे काम के लिये भाजपा के सुभाष महरिया व कांग्रेस के नेताओं के पास जाते देखे जाते रहे हैं। पर कांग्रेस के फेवर में जमकर मतदान करते रहने वाले मुस्लिम समुदाय को कांग्रेस नेताओं को वो अहमियत नहीं मिलती रही है जिसके वो हकदार है। लेकिन अब लगता है कि मुस्लिम समुदाय के बूलावे पर सांसद अमरा राम सरलता से उनके सूख दुःख में उपलब्ध होते रहेंगे व अब आम मुस्लिम बिना किसी बिचौलियों के अपने सांसद से सम्पर्क कर पायेगा।
इसी कड़ी में सीकर के कायमखानी छात्रावास में समाज की राज्यस्तरीय एडहाक कमेटी ने आज सांसद अमरा राम का स्वागत करके उन्हें एक ज्ञापन दिया। जिसमें केन्द्रीय पीछड़ा वर्ग सूची में कायमखानी बिरादरी को शामिल करने व पीछड़ा वर्ग में शामिल बिरादरियों के सम्बन्धित छेड़छाड़ नहीं करने की मांग की गई है। सांसद अमरा राम ने भरोसा दिलाया ओर कहा कि वो हरकदम पर उनके साथ खड़े मिलेंगे। कायमखानी छात्रावास में अपने सामाजिक नेताओं को छोड़कर अमरा राम पहले सांसद हैं जिनका यहां स्वागत हुआ है।
कामरेड अमरा राम जब विधायक बनते रहे तब कांग्रेस के एक धड़े द्वारा उनके हक में अपने समर्थकों द्वारा मतदान करवाना देखा जाता था। तत्तकालीन समय में कांग्रेस में रामदेव सिंह महरिया व चोधरी नारायण सिंह के धड़े हुवा करते थे। तब भाजपा काफी कमज़ोर हुवा करती थी। भाजपा में सुभाष महरिया के आने के बाद जिले में भाजपा का विस्तार होना माना जाता है। अब लोकसभा चुनाव में अमरा राम का इण्डिया गठबंधन उम्मीदवार होने से कांग्रेस नेताओं की मदद व उनकी व्यक्तिगत उजली छवि के कारण वो सांसद चुने गये। उन्हें इस दफा अंदर खाने भाजपा के कुछ लोगों की मदद भी मिली बताते। सांसद अमरा राम सामंजस्य बनाकर चलने वाले नेता है। जो आगे इण्डिया गठबंधन में पूरी तरह सामंजस्य बनाकर चलते रहेंगे।
चार जून को परिणाम आने के बाद देखा जा रहा है की नवनिर्वाचित सांसद अमरा राम से उनसे निजी निवास व उनके पार्टी दफ्तर में मिलने वालों में किसान-मजदूर- गरीब- एससीएसटी व मुस्लिम तबके के लोग अधिक बताये जा रहे हैं। कुल मिलाकर यह है कि अन्य तबकों की तरह मुस्लिम तबके को भी विकल्प के तौर पर कामरेड अमरा राम के सांसद के रुप में मिल चुका है। सरलता के साथ उपलब्धता के तौर पर अब उनकी आवाज अमरा राम बनते नज़र आयेंगे।
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