अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय भोपाल से जागरूकता रैली निकाली गई। साथ ही तंबाखू से होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया गया। कार्यक्रम में यमराज के कैरेक्टर ने तंबाकू सेवन से होने वाली मृत्यु के प्रति आगाह करने का संदेश दिया। इस दौरान तंबाकू उत्पादों के गंभीर नुकसान के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाकर तंबाकू उपयोग न करने की शपथ ली गई।
स्वास्थ्य विभाग भोपाल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपर कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्र, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी, नोडल अधिकारी तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. मनोज हुरमाड़े, दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलिमा सोनी उपस्थित रहे। ऋषिराज डेंटल कॉलेज और स्काउट एंड गाइड द्वारा विशेष सहभागिता दी गई। वर्ल्ड नो टोबैको डे के अवसर पर जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में विशेष ओरल कैंसर स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की जांच की गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गांधीनगर एवं सिविल अस्पताल बैरसिया में संचालित डेंटल यूनिट में विशेष ओरल कैंसर स्क्रीनिंग कैंप शिविरों में मुंह के कैंसर की जांच की गई। जिले के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों एवं उनकी पहचान की जानकारी के लिए परामर्श सत्रों का आयोजन किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि भारत में हर साल लगभग 14 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। सभी प्रकार के कैंसर में 27 प्रतिशत कैंसर तंबाकू सेवन के कारण होते हैं। टीबी से होने वाली मृत्यु में 38% तंबाकू सेवन से संबंधित होती हैं। तंबाकू सेवन के कारण फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गले का कैंसर, दिल की बीमारियां, सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर रोग हो सकते हैं। तंबाकू का सेवन छोड़ने के कई अल्पकालिक और कई दीर्घकालीन फायदे हैं। तंबाकू का सेवन छोड़ने के 20 मिनट में हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है। 12 घंटे में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर सामान्य हो जाता है। 2 से 12 हफ्ते में सर्कुलेशन बेहतर होकर फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ने लगती है। 1 से 9 महीनों में खांसी की तकलीफ कम हो जाती है।
वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण 2 के अनुसार भारत में तंबाकू के उत्पादों से हर साल 1.3 मिलियन से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो रही है। सर्वे के अनुसार प्रदेश में 50.2% पुरुष एवं 17.3% महिलाएं तंबाकू सेवन करते हैं। 24.7% वयस्क सार्वजनिक जगहों पर अप्रत्याशित धूम्रपान के संपर्क में आते हैं। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार 55 हजार बच्चे हर साल नियमित रूप से तंबाकू सेवन करने वालों की सूची में जुड़ रहे हैं। इस वर्ष यह दिवस “बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना ” के उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनाया जा रहा है। जिसमें यह सुनिश्चित किया जाना है कि तंबाकू के सेवन से होने वाले शारीरिक एवं मानसिक दुष्प्रभावों के प्रति आमजन को जागरूक करने एवं तंबाकू सेवन से रोकथाम के लिए संबंधित नीतियों का सख्ती से पालन हो। कोटपा एक्ट 2003 के सख्त पालन हेतु 31 मई से 21 जून तक निरीक्षण दल द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ चालानी कार्यवाही की जाएगी।
तंबाकू के उपयोग से श्वसन तंत्र की बीमारी जैसे अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, श्वसन तंत्र का बार-बार होने वाला संक्रमण, टीबी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विभिन्न अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि गर्भावस्था के समय धूम्रपान करने से शिशु पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। पुरुषों में नपुंसकता और महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी या बांझपन जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
तंबाकू की आदत छोड़ने के लिए सप्ताह में एक दिन तंबाकू रहित दिन निर्धारित कर इसे धीरे-धीरे छोड़ते जाए। सुबह सैर के लिए जाएं और व्यायाम को नियमित रूप से अपने जीवन में शामिल करें। ऐसे लोगों से दोस्ती रखें, जो तंबाकू छोड़ने में आपकी मदद करें। अपने पास सौंफ, मिश्री, लौंग या इलायची रखें। यदि तंबाकू खाने की तलब लगती है तो तंबाकू के उपयोग के अंतराल को बढ़ाएं। लंबी सांस लें और अपना ध्यान किसी दूसरी गतिविधि में लगाएं। तंबाकू का सेवन छोड़ने की तारीख निर्धारित करें और उस तारीख पर अडिग रहें। तंबाकू छोड़ने की सलाह के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800112356 पर कॉल कर सलाह ली जा सकती है।
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