अश्वनी मिश्रा, सिवनी ( मप्र ), NIT; अपने आप को किसानों का सच्चा हमदर्द बताकर वोट बैंक बटोरने वाली केन्द्र और मध्य प्रदेश में बैठी भाजपा सरकार की वास्तविकता और जमीनी हकीकत कुछ और ही है। पूरा मामला भावांतर योजना के तहत स्थानीय मंडी में मक्का खरीदी का है। जहां ग्रामीण क्षेत्रों से आये किसान भूखे पेट अपनी फसल तौल रहे हैं और उनकी सुध लेने वाला कोई नही है। जबकि मप्र सरकार द्वारा पिछले कई वर्षों से प्रदेश की सभी मंडियों में किसानों को 5 रुपए थाली में भोजन दिये जाने का जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
कागजों में चल रही भोजन योजना
किसानों को भोजन देने की योजना के नाम पर छपारा मंडी के अधिकारी, कर्मचारी और मंडी के चुने हुये प्रतिनिधियों के द्वारा किसानों को 5 रुपए थाली भोजन के टेंडर और बिल बाउचर के नाम पर लाखों का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। उल्लेखनीय होगा कि भावांतर योजना के तहत 16 अक्टूबर से जिले की सभी मंडियों में मक्का खरीदी शुरू हो चुकी है और जिला कलेक्टर ने सभी मंडियों में किसानों के लिये भोजन, पानी और छायादार व्यवस्था के सबंध में कड़े दिशा निर्देश भी जारी किये हैं। एक ओर तो शासन प्रशासन भावांतर योजना के तहत किसानों की मक्का फसल को पारदर्शिता के साथ खरीदी करने का दावा कर रही है वहीं अन्नदाता किसान जब अपनी फसल लेकर छपारा मंडी में पहुंच रहा है तो वहां उसे दिन-दिन भर भूखे पेट रहकर अपनी फसल को तौलवाने का इंतजार करना पड़ रहा है।
सुत्रों की मानें तो पिछले कई सालों से इस मंडी के अधिकारी, कर्मचारियों और इसके चुने हुये प्रतिनिधियों की सांठ-गांठ से किसानों को 5 रुपए थाली में भोजन कराने का खेल सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है। मंडी द्वारा किसानों को भोजन कराने के नाम पर फर्जी तरीके से टेंडर आमंत्रित कराया जाता है और फिर हजारों किसानों को भोजन कराये जाने के नाम पर फर्जी टेंडर धारियों के लाखों रुपए के बिल बाउचर मंडी से मिली भगत कर पास करा लिये जाते हैं। इस तरह हर साल हजारों किसानों को भरपेट भोजन कराने के नाम पर मंडी के तथाकथित अधिकारी, कर्मचारी और मंडी प्रतिनिधियों की मिली भगत से किसानों के निवाले पर डाका डालने का सिलसिला जारी है। इस पूरे मामले में जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी भी आज तक इस मंडी में चल रहे इस कारनामें पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाये हैं और इन सबके बीच अन्नदाता किसान भूखे पेट फसल तौलवाने को मजबूर हैं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.