सरकार से छोड़ी उम्मीद, अपने दम पर कर रही हैं पंचायत का विकास | New India Times

राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

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सरकार भले ही गांव के विकास के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन शासकीय  मिशनरी की लापरवाही के चलते ऐसे कई गांव हैं जो विकास की किरणों से दूर हैं, देवरी विकासखंड की एक ग्राम पंचायत बारहा ऐसी गांव है जहां शासकीय अधिकारियों के सहयोग के कारण सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

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बारहा पंचायत की महिला सरपंच की जागरूकता के चलते यहां 2 किलोमीटर लंबी और 20 लख रुपए की लागत से सड़क का निर्माण किया जा रहा है जो जिसका खर्चा हुआ है स्वयं उठा रही हैं। उनका कहना है कि जनता से वादा किया है तो निभाना पड़ेगा, ग्राम पंचायत में पेयजल का संकट गहराया हुआ है, यहां के हैंडपंप पूरी तरह से जवाब दे चुके हैं। और नल जल योजना का काम लापरवाही की भेंट चढ़ी है। जल जीवन मिशन के तहत योजना का काम ठेकेदार द्वारा अधूरा छोड़ दिया गया है जगह-जगह गड्ढे कर दिए गए हैं जो लोगों के लिए जानलेवा बन गए हैं।

बारहा पंचायत में सड़कों का विकास भी समुचित रूप से नहीं किया गया है, बारहा से हरखेड़ा गांव को जोड़ने वाली पुरानी सड़क जिसे लोग सैर के नाम से पुकारते हैं, यह 2 किलोमीटर लंबी सड़क आजादी के बाद कभी भी नहीं बनाई गई। बरसात के दिनों में इस सड़क पर दलदल रहने के कारण 4 महीने तक किसान अपने खेतों तक नहीं पहुंच पाए थे और गांव के मवेशी इसी सड़क से जंगल जाते हैं जिसमें अधिकांश मवेशी दलदल में फंसकर बरसात में मर जाते थे। ग्राम वासियों की मांग पर यह सड़क का निर्माण सरपंच ज्योति राय द्वारा अपने निजी खर्चे से कराया जा रहा है।

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सरपंच ज्योति राय ने बताया कि सरकारी योजना से यह सड़क स्वीकृत नहीं हो पाई है अनेकों प्रयास के बावजूद भी जनपद पंचायत के अधिकारियों की अनदेखी और ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा पंचायत के विकास में रुचि ना दिखाए जाने के कारण कोई भी विकास कार्य पंचायत में नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह सड़क के स्वीकृति के लिए उन्होंने प्रयास किया लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह सड़क सरकारी योजना से नहीं बन पाएगी। मनरेगा से भी यह सड़क स्वीकृत नहीं हो पाई है।

इसलिए इस सड़क का निर्माण वह अपने निजी खर्चे से कर रही हैं। जिसमें करीब 20 लख रुपए की लागत आ रही है। ये सड़क बन जाए इस सड़क के निर्माण के बाद गांव के लोगों में खुशी देखी जा रही है, उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव में उन्होंने लोगों से वादा किया था कि वह चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार पूरे करेंगे। जिसमें यह सड़क का भी उल्लेख किया था। सड़क निर्माण न होने के कारण गांव के लोग बार-बार मांग कर रहे थे इसलिए यह सड़क का निर्माण निजी राशि से करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि घोषणा पत्र में जनता से किए गए 33 वादों में से 21 वादे अभी तक पूरे कर चुकी हूं।

उन्होंने बताया की गांव की गरीब कन्या के विवाह पर वह अपनी ओर से ड्रेसिंग टेबल उपहार में देती हूं, किसी भी व्यक्ति के निधन पर पानी का टैंकर अपने निजी ट्रैक्टर से उपलब्ध कराती हूं। ऐसे 21 वचन पत्र के अनुसार अभी तक पूरे किए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के सचिव पंचायत के विकास में रुचि नहीं दिख रहे हैं जिससे आम लोगों के काम लंबित हो रहे हैं। पंचायत के लोगों को मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है जिससे लोग सरकार से नाराज़ हैं। लेकिन वह अपने निजी खर्चे से लोगों के काम करते रहते हैं।


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