पुराने भोपाल के सार्वजनिक प्याऊ अब खुद ही हैं प्यासे | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

पुराने भोपाल के सार्वजनिक प्याऊ अब खुद ही हैं प्यासे | New India Times

पुराने भोपाल के सार्वजनिक प्याऊ अधिकांश बंद पड़े हुए हैं। गर्मी में लोगों को पानी पीने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। शहर में बंद पड़े सार्वजनिक प्याऊ की हालत देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब परोपकार से किसी को सरोकार नहीं रह गया है।

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अधिकांश सार्वजनिक प्याऊ बंद पड़े हैं। आस पास बड़ी गंदगी है प्याऊ से टोंटी वगैरह गायब है यहाँ तक कि इन में रखे पानी के फिरज़र में से मशीनरी तक गायब है और टंकियों की साफ सफाई एवं सुरक्षा के कोई इंतेज़ाम नहीं है। बंद पड़े प्याऊ के पीछे लोग शौच करते नज़र आते हैं। जिसकी चिंता न नगर निगम को है और न ही शहर के जन प्रतिनिधियों को।
मध्यप्रदेश सर्वधर्म सद्भावना मंच के सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने इन प्याऊ पर लिखे नामों के अपमान पर गहरी चिंता वेयक्त करते हुऐ कहा कि शहर की अज़ीम शख्सियतों के नाम से बनाए गए प्याऊ द्वारा जन सुविधा मिलना तो दूर अब उन  शख्सियतों के नामों का अपमान देखने को मिल रहा है।

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उन्होंने कहा कि इमामी गेट, भारत टाकीज़, इदगाह, मोती मस्जिद एवं कई जगह देखा जा सकता है अधिकांश सार्वजनिक प्याऊ इस शदीद गर्मियां में बंद पड़े हैं जिससे आम जन को कोई फाएदा नहीं मिल रहा है। मध्यप्रदेश सर्वधर्म सद्भावना मंच के सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने नगर निगम जन प्रतिनिधियों से मांग की है कि तुरंत इस ओर ध्यान देकर इन सार्वजनिक प्याऊ को चालू कर साफ सफाई कराई जाए एवं शहर की अज़ीम शख्सियतों के नामों को अपमानित होने से भी बचाया जाए।


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By nit

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