पीयूष मिश्रा, सिवनी ( मप्र ), NIT; छपारा नगर में सरकारी राशि के गबन व भ्रष्टाचार को लेकर उप सरपंच के द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख जुलानिया के पास शिकायत की गई है।
शिकायत कर्त्ता ने इन बिंदुओं पर की है शिकायत:-
- 1- मनरेगा योजना के अंतर्गत नवीन शांतिधाम पर कराये जा रहे समतलीकरण में फर्जी मजदूरो के मस्टररोल के नाम पर किया गया भुकतान।
- 2 – नगर के विभिन्न 8 वार्डो में स्वीकृत की गई सी सी रोड सह नाली निर्माण के नाम पर बिना निर्माण किये निकली गई राशी।
- 3- बोगस बिल वाऊचर लगाकर निकाली गई राशि एवं पंचायत द्वारा विभिन्न योजनाओं से कराये जा रहें निर्माण कार्यो में अनिमित्ताये।
शान्तिधाम( मोक्षधाम) में हुई जांच में सरपंच, सचिव और दो उपयंत्री दोषी निरंकुश सरपंच सचिव को क्लीन चिट देंगे या कार्यवाही का चलाएंगे डंडा जिला पंचायत सीईओ ?
जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत छपारा के सरपंच और सचिव पर पूरी तरह निरंकुश होने का आरोप लगाया जा रहा है। आरोप है कि इन्हें शासन और प्रशासन का कोई डर नही है, बेखौफ होकर शासकीय राशि का बंदरबांट करने की जैसे इन्हें खुली छूट दे दी गई हो।
बताया जाता है कि जनपद पंचायत छपारा कि मुख्यालय ग्राम पंचायत की शिकायत उप सरपंच सुरजीत सिंह ने ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया से की है, जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ के निर्देशों पर एक जांच दल गठित किया गया है। जांच दल ने ग्राम पंचायत के द्वारा किए गए कारनामों की रिपोर्ट बनाकर जनपद पंचायत छपारा के सीईओ को दे दिया है। सीईओ ने उक्त रिपोर्ट को एक दो दिवस के अंदर जिला पंचायत कार्यवाही के लिए भेजने वाले हैं।
- शिकायत कर्त्ता ने इन बिंदुओं पर जांच के लिए की है मांग :-
उपसरपंच सुरजीत सिंह द्वारा विगत जुलाई माह में भी छपारा सरपंच, सचिव की आर्थिक अनिमितताओं को लेकर जिला कलेक्टर, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को 11 पंचों के साथ शिकायत की गई थी, लेकिन सबूतों के आभाव में उस समय सरपंच, सचिव पर कोई कार्यवाही नही हुई थी। उन्होंने हार ना मानते हुये दोबारा सरपंच, सचिव के कारनामों की इन बिन्दुओ पर शिकायत की है:- मुख्य रूप से मनरेगा योजना के अंतर्गत नवीन शांतिधाम पर कराये जा रहे समतलीकरण में फर्जी मजदूरों के मस्टररोल के नाम पर किया गया भुगतान, नगर के विभिन्न 8 वार्डो में स्वीकृत की गई सी सी रोड सह नाली निर्माण के नाम पर बिना निर्माण किये निकली गई राशि, बोगस बिल बाउचर लगाकर निकाली गई राशि एवं पंचायत द्वारा विभिन्न योजनाओं से कराये जा रहे निर्माण कार्यो में अनियमितताएं मुख्य हैं।
तीन दिवसीय जांच में निकलकर आये तथ्य
जिलापंचायत सीईओ द्वारा गठित जांच टीम ने जब जांच की तो जांच के दौरान यह बात भी निकलकर सामने आई कि सरपंच सचिव के द्वारा सीसी रोड निर्माण कार्य कराए बिना लाखों रुपए निकाल लिए गए, जबकि मौके पर निर्माण कार्य प्रारंभ किया ही नहीं गया है। बताया जाता हैं कि पंचायत व अधिनियम के अनुसार चौदह वित्त की राशि देना दिनी कार्यों के लिये प्रतिवर्ष 3 लाख रुपये का कार्य किया जाना था, जिस पर ग्राम पंचायत छपारा द्वारा 9 लाख 67 हजार रूपये अन्य खरीदी में भुगतान किए गए हैं, जबकि शासन के निर्देशों के मुताबिक बीस प्रतिशत राशि ही 14वें वित्त की राशि से अन्य खरीदी में खर्च की जा सकती है। जबकि पंचायत ने नियमों को दरकिनार करते हुए अनाप-शनाप बिल लगाकर 9 लाख रुपए के भुगतान कर दिए जो नियम विरुद्ध कहला रहे हैं।जांच में यह भी सामने आया है कि सरपंच सचिव के द्वारा विकास कार्य के लिए दी गई राशि का जमकर दुरुपयोग किया गया है, इतना ही नही सीसी रोड बनाए बिना सीसी रोड बनाने के नाम पर सरपंच सचिव द्वारा राशि निकाल ली गई है, वह काम भी जांच में मौके पर नहीं पाया गया है जिस पर भी मौके पर जांच टीम द्वारा पंचनामा भी बनाया गया है।
छपारा पंचायत में हड़कंप का माहौल
बताया जाता हैं कि इस कार्यवाही के बाद सरपंच, सचिव के बीच हड़कंप का माहौल बना हुआ है और वह जिलापंचायत के आला अधिकारीयो के चक्कर काट रहे हैं, अपने आप को बचाने के लिए। जबकि इससे पूर्व मोक्ष धाम की शिकायत भी नगर के एक स्थानीय व्यक्ति के द्वारा की गई थी जिसमें लगभग 95 हजार रुपए की फर्जी मस्टररोल भरे गए थे। शिकायत में हुई जांच में सरपंच, सचिव और दो उपयंत्री दोषी पाए गए थे, उक्त जांच प्रतिवेदन में सीईओ शिवानी मिश्रा ने सरपंच पूनम सैयाम के खिलाफ धारा 40 की कार्यवाही करने का उल्लेख भी किया है और वही सचिव पर भी अनुशंसात्मक कार्यवाही करने के लिए लिखा है।उपयंत्रियों से भी वसूली की कार्यवाही के लिए इस मोक्ष धाम की जांच के प्रतिवेदन में लिखा गया था, जो अग्रिम कार्यवाही के लिए जिला पंचायत भेजा गया था, जिसमें भी अब तक कोई कार्यवाही दोषियों पर नहीं हो पाई है, जिसको लेकर नगर में तरह तरह के चर्चाएं चल रही हैं। इतना ही नही जनमानस में यह चर्चा भी चल रही है कि कहीं घूस लेकर फिर से बख्श तो नही दिया जाएगा, क्योंकि यह सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं की जनपद पंचायत छपारा के द्वारा जिस किसी अन्य पंचायत की जांच की जाती है तो वह अग्रिम कार्यवाही के लिए जिला पंचायत जांच प्रतिवेदन पहुंचाया जाता है, जो वहां पदस्थ जांच शाखा के लिए चारागाह बन जाता है, इसलिये देखना यह होगा कि उप सरपंच के द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को की गई शिकायत में, जिले में बैठे अधिकारी कितनी निष्पक्ष जांच करते हैं, कही फिर दोषियों को बख्श तो नही दिया जायेगा या कार्यवाही का डंडा चलाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।
इनका कहना है:-
शिकायतकर्ता द्वारा जिन बिंदुओं पर जांच की मांग की गई थी। जांच दल ने मौके पर निरीक्षण कर पंचनामा बनाकर जांच प्रतिवेदन मुझे सौंपा है जिसपर शिकायतकर्ता की शिकायतें सत्य पाई गई हैं। मैं जल्द ही इन जांच प्रतिवेदनों को अपने उच्च अधिकारी को पहुंचा दूंगी: शिवानी मिश्रा,मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जनपद पंचायत छपारा।
मेरे द्वारा की गई शिकायतों पर जांच दल द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया, सभी शिकायतें सत्य पाईईगई हैं: सुरजीत सिंह, उपसरपंच छपारा
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