नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
7 मई को तीसरे चरण का मतदान होना है जिसमें महाराष्ट्र के दक्कन इलाके की बारामती, माढ़ा, सांगली, सातारा, सोलापुर, कोल्हापुर, हातकणंगले इन सात सीटो के साथ अन्य मिलाकर कुल 11 सीटों पर मतदान होगा। यहां अगस्त 2019 की कृत्रिम बाढ़ का मुद्दा प्रचार से गायब है। तीसरे चरण के बाद 13 मई को होने वाले चौथे चरण की 11 सीटों पर सभी दलों के स्टार प्रचारकों का विशेष ध्यान है। जलगांव सीट पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के करण पवार के सामने भाजपा की स्मिता वाघ हैं। मराठा समाज की एकजुट, देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन के विरोध में उठ रही लहर के चलते करण पवार की स्थिति काफ़ी मज़बूत दिख रही है।
रावेर में भाजपा की रक्षा खडसे के विरोध में NCP (शरदचंद्र पवार) ने श्रीराम पाटिल इस नए चेहरे को अवसर दिया है। व्यक्तिगत राजनीतिक पहचान के अभाव के कारण जनता से कोसों दूर खड़े श्रीराम पाटील को मराठा मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण से जीतने की आशा है। प्रचार में पिछड़ चुकी NCP (SP) की ब्लॉक निहाय बूथ संरचना बेहद लचर है। रावेर में किसी भी प्रकार की कोई लहर नहीं है। जुतने वाले प्रत्याशी का लीड इस बात पर निर्भर है कि मतदान कितना प्रतिशत होगा। राज्य के मतदाताओं में एक किस्म का अंडर करंट दौड़ रहा है जिसके चलते चार सौ पार और प्रति सीट पांच लाख वोटों की लीड की बात करने वाले भाजपा के ज्योतिष छाप नेताओं का आत्मविश्वास डगमगाने लगा है।
जामनेर में विधानसभा की चर्चा
लोकसभा का टिकट नहीं मिलने के कारण बगावत की भाषा बोलने वाले नेता संतोष चौधरी ने NCP प्रमुख शरद पवार के सामने श्रीराम पाटील को खुला समर्थन दिया है। भुसावल से विधायक रहे चौधरी की इस भूमिका को लेकर कई तर्क लगाए जा रहे हैं, जैसे कि संतोष चौधरी को जामनेर विधानसभा सीट से गिरीश महाजन के खिलाफ़ उतारा जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो संतोष चौधरी गिरीश महाजन के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। बीते तीस साल से अल्पसंख्यक जाति के प्रत्याशी को चुनकर देते आ रहे जामनेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की जनता को विकल्प के रूप में चौधरी जैसे अल्पसंख्यक समाज से आने वाले नेता की प्रतीक्षा है।
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