पिछड़ा आयोग के आदेश पर कार्यरत प्रगणकों का मानदेय लंबित। सरकार को मिला है आचार संहिता का संरक्षण क्या ? EC करेगा हस्तक्षेप | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

पिछड़ा आयोग के आदेश पर कार्यरत प्रगणकों का मानदेय लंबित। सरकार को मिला है आचार संहिता का संरक्षण क्या ? EC करेगा हस्तक्षेप | New India Times

जनवरी 2024 मराठा समाज जाती आरक्षण सर्वेक्षण के लिए राज्य पिछड़ा आयोग की ओर से आदेशित जानकारी के संकलन के लिए नियुक्त प्रगणकों का मानदेय लंबित है। बतौर प्रगणक जिला परिषद शिक्षक, निकाय कर्मीयों ने चंद हफ़्तों के भीतर मराठा समुदाय से संबंधित जातियों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति की जानकारी का डेटा जमा किया। इस काम के लिए प्रगणकों को मानदेय दिया जाना था जो मिला नहीं। महाराष्ट्र के राजस्व विभाग के दफ्तरों में प्रगणकों की ओर से लगातार ज्ञापनबाजी की जा रही है।

पिछड़ा आयोग के आदेश पर कार्यरत प्रगणकों का मानदेय लंबित। सरकार को मिला है आचार संहिता का संरक्षण क्या ? EC करेगा हस्तक्षेप | New India Times

इस मामले को लेकर राज्य सरकार लोकसभा चुनाव आचार संहिता के संरक्षण में बचती नज़र आ रही है। सामाजिक कार्यकर्ता भारत रेशवाल ने प्रगणकों की इस समस्या को लेकर जनता के बीच अलख जगाना आरंभ कर दिया है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी को फादर ऑफ फासिस्ट की ओर से पहुचाई जा रही क्षति के बाद भी बची-खुची व्यवस्था में मजलूमों के हक के लिए लड़ना लोकतांत्रिक देश का जीवित नागरीक होना है। इधर चुनाव आयोग के अंग के रूप में निष्पक्ष चुनाव के लिए बाध्य राजस्व प्रशासन की ओर से वोटर जनजागृती पर काफ़ी ध्यान दिया जा रहा है। जलगांव, जामनेर समेत ब्लॉक्स में चुनाव निर्णय प्रक्रिया पीठासीन अधिकारीयों की मौजूदगी में NGOs को शामिल कर ताबड़तोड़ रैलियां निकाली गई।

पिछड़ा आयोग के आदेश पर कार्यरत प्रगणकों का मानदेय लंबित। सरकार को मिला है आचार संहिता का संरक्षण क्या ? EC करेगा हस्तक्षेप | New India Times

आयोग हि कर रहा भाजपा का प्रचार

हजारों साल पीछे जाकर भारत को विकसित करने का प्रण लेने वाली भाजपा ने वर्तमान डिजिटल युग में पार्टी प्रचार के लिए दीवार लेखन का फार्मूला अमल में लाया। आचार संहिता लागू होने के बाद भी दीवारों पर उकेरे गए कमल के फूल सफेदे से पोते नहीं गए। इससे मालूम पड़ता है की चुनाव आयोग हि भाजपा का प्रचार करने में लगा है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading