पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह (भापुसे) को आवेदिका आशा भटनागर ने एक शिकायती आवेदन पत्र दिया कि जिसमें बताया कि उसके पास किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया और बोला कि आपके डाँक्यूमेन्ट पर एक सिम इश्यू हुई है, जिसमें आपका आधारकार्ड लगा हुआ है और इस सिम से कई बच्चियों को अश्लील मैसेज भेजे गये हैं। अज्ञात व्यक्ति ने फरियादिया को बताया कि उसकेे विरुध्द 24 एफआईआर मुंबई पुलिस ने दर्ज की है। यदि आपने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है तो आपको अपनी ऑनलाइन एफआईआर करनी होगी। अज्ञात व्यक्ति ने जिसकी प्रक्रिया बताते हुए मुझसे स्काइप एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा और मजिस्ट्रेट के समक्ष ऑनलाइन लीगल स्टेटमेंट दिये जाने की कहकर स्काइप से वीडियो काल कनेक्ट होते ही मनी लांड्रिंग के केश की भी बात कही गई। उसके द्वारा मेरे सभी खातों की जानकारी लेते हुए इनकी जाँच सीबीआई, ईडी आदि से जाँच कराये जाने की बात कही गई और यह भी कहा गया कि आपके खातों की रकम यदि सही पायी गई तो 24 घण्टे के अन्दर आपके अकाउंट में पैसे रिफंड कर दिये जायेगा।
आपको इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताना है और जब तक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती कोई काल नहीं करना है। विडियो काल पर मुझे डराने के लिए एक पुलिस जैसा दिखने वाला व्यक्ति दिखाया गया जिसके द्वारा कहा गया था कि इनको जल्द से जल्द गिरफ्तार करें। इस तरह उन्होंने मेरे दामाद को पुणे से उठाने की धमकी दी तो मैं उनकी बातो में आकर डर गई और मैंने अपने दोनों अकाउंट की एफडी तोड़कर उनके द्वारा बताये गये अकाउंट में 51 लाख रुपये ट्रॉसफर कर दिये। उक्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने सायबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर कार्यवाही करने हेतु अति0 पुलिस अधीक्षक (पूर्व/अपराध/यातायात) श्री के.एम.षियाज़,(भापुसे) को क्राइम ब्रांच की सायबर क्राइम टीम से उक्त शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करवाने हेतु निर्देशित किया।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के परिपालन में एएसपी अपराध श्री आयुष गुप्ता(भापुसे) एवं डीएसपी अपराध श्री नागेन्द्र सिंह सिकरवार के कुशल मार्गदर्शन में थाना प्रभारी अपराध निरी0 अजय पंवार व सायबर क्राइम प्रभारी निरी0 राजेश सिंह तोमर ने क्राइम ब्रांच ग्वालियर में शिकायतकर्ता की शिकायत पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। दौराने विवेचना पाया गया कि जिन नम्बरों से फरियादिया के पास काल किये गये है वह नम्बर एप के माध्यम से प्रदर्शित कराये गये हैं दौराने विवेचना जिन खातों में रुपये ट्रांसफर किये गये थे वह खाते जम्मू कश्मीर व गुजरात के थे। इन दोनों खातों से रुपये अलग-अलग कई खातों में स्थानांतरित हुए तथा उन खातों से कुछ राशि संयुक्त अरब अमीरात के एक खाते में स्थानांतरित हुई। दौराने विवेचना पुलिस टीम द्वारा अन्य तकनीकी साक्ष्य यूएई से प्राप्त किये गये।
साक्ष्यों के आधार पर ज्ञात हुआ कि यूएई के जिस बैंक खाते में पैसे स्थानांतरित हुये थे, वह व्यक्ति भारतीय है और भिलाई छत्तीसगढ का रहने वाला है एवं उक्त व्यक्ति द्वारा यूएई में कम्पनी खोली गई है।
उक्त आरोपी की गिरफ्तारी हेतु सायबर क्राइम की एक टीम को भिलाई रवाना किया गया। जहाँ आरोपी को गिरफ्तार किया जाकर पूछताछ की गई तो उसने बताया गया कि आरोपी एमसीए किया हुआ है व मास्टर्स इन आईटी है और आरोपी द्वारा सायबर ठगी का रुपया स्थानांतरित किया जाता था। तकनीकी जानकारी में ज्ञात हुआ है कि आरोपी अपने यहाँ कार्य करने वाले लोगों के खाते खुलवाकर उन खातों को स्वयं संचालित करता था एवं उन खातों में सायबर ठगी की राशि लेकर आगे यूएई के खाते में स्थानांतरित करता था। आरोपी से अन्य व्यक्तियों के कई आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, पासबुक, चेकबुक, मोबाइल फोन, लेपटॉप, आईपेड व अन्य दस्तावेज़ बरामद किये गये हैं। आरोपी के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। विवेचना में पाया गया है कि अन्य लोगों के साथ भी आरोपी द्वारा ठगी की गई है जिसके संबंध में तकनीकी आधार एवं पकड़े गये आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
बरामद मशरूका:- आरोपी से अन्य व्यक्तियों के कई आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, पासबुक, चेकबुक, मोबाइल फोन, लेपटॉप, आईपेड व अन्य दस्तावेज़ बरामद किये गये हैं।
सरहानीय भूमिका:- थाना प्रभारी अपराध निरी0 अजय पंवार, सायबर क्राइम प्रभारी निरी0 राजेश सिंह तोमर, निरी0 मंगल सिंह पपोला, उनि0 कीर्ती अजमेरिया, उनि0 धर्मेन्द्र शर्मा, उनि0 हरेन्द्र सिंह राजपूत, उनि0 रवि लोधी, प्र.आर0 सुनील शर्मा, दिनेश सिंह राजावत, सतेन्द्र कुशवाह, सुरेन्द्र तोमर, आर0 शिवशंकर शुक्ला, सुमित सिंह भदौरिया, ओमशंकर सोनी, गौरव पवार, श्यामू मिश्रा, नवीन पाराशर, कपिल पाठक, जेनेन्द्र गुर्जर, शिवकुमार यादव, सोनू प्रजापति, म.आर0 सुनीता कुशवाह, मेघा श्रीवास्तव की सराहनीय भूमिका रही।
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