राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित कार्यक्रम हुआ संपन्न | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित कार्यक्रम हुआ संपन्न | New India Times

हर महीने के पहली तारीख अथवा प्रथम रविवार को मनाया जाने वाला स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों से संबंधित कार्यक्रम सुनील गोपालदास गुजराती राष्ट्रीय महासचिव के नेतृत्व में श्रीमती सरोजबेन कृष्णकांत शाह सुपुत्री स्वर्गीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. गोविन्दलाल पिता स्व.श्री चंपालाल महाजन (खरगोन मध्यप्रदेश) के निवास स्थान प्रतापपुरा- राजपुरा बुरहानपुर पर सरोज बेन द्वारा ध्वजारोहण किया गया। सुनील गोपालदास गुजराती राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संयुक्त संगठन, द्वारा कार्यक्रम संचालन करते हुए बताया गया कि भारत की आज़ादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अहम योगदान,त्याग एवं बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्र भारत में जीवन यापन कर रहे हैं। इन सेनानियों ने देश को आज़ाद करने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान किया है।

स्वतंत्रता आन्दोलन में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानी के परिवार को सरेआम अपमानित किया जाता था। स्वतंत्रता सेनानी का पता, जानकारी हेतु परिवारजनों को मानसिक एवं शारीरिक तकलीफें दी जाती थी। मारा-पीटा जाता था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के जीवित पकड़े जाने पर उसे इतनी ज्यादा शारीरिक कष्टप्रद यातनाऐं दी जाती थी, जिसको सुनते ही आम जनता के शरीर में रोंगटे खड़े हो जाते थे। खुले मैदान में आम जनता के बीच उन्हें हंटर, लाठियों, लकड़ियों, बंदूक एवं रायफल के बट से मारा जाता था। शरीर पर जलती हुई सिगरेट दागी जाती थी। आंखों में जलती हुई दियासलाई एवं लकड़ी घुसा दी जाती थी। कोर्ट मार्शल किया जाता था। गोली से मार दिया जाता था। फांसी पर लटका देते थे।

आम जनता यह दृश्य देखकर आज़ादी के आंदोलन से स्वत: दूर हो जाती थी एवं जिस परिवार का सदस्य का नाम आज़ादी के आंदोलन में घोषित हो जाता था या जिंदा पकड़ा जाता था। वह स्वतंत्रता सेनानी या उसका परिवार अपाहिज होकर दर -दर की ठोकरें खाने, गोलियां से छलनी होने के अलावा, फांसी पर भी चढ़ा दिया जाता था। स्वतंत्रता सेनानी परिवार अपमानित होकर कष्टप्रद परिस्थितियों में जीवन यापन करता था। इस कार्यक्रम के माध्यम से आमजन को जागरूक करना है कि आपके आसपास स्वतंत्रता से संबंधित वह परिवार रहता है जिन्होंने इस देश की आज़ादी में अपना एवं परिवार का समय निस्वार्थ भावना से दिया था। आज की स्थिति में नई पीढ़ी को यह नहीं मालूम की स्वतंत्रता हमें कैसे प्राप्त हुई है।

श्रीमती सरोज बेन शाह कई वर्षों से प्रतिदिन सूर्योदय होने पर अपने स्वयं के निवास स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ध्वजारोहण करती हैं एवं सूर्यास्त के पूर्व सम्मान राष्ट्रीय ध्वज को उतारने का कार्य भी करती हैं। यह उनकी राष्ट्र भक्ति सम्पूर्ण भारत में एक  सराहनीय पहल एवं प्रशंसनीय, मार्गदर्शन देने वाला कार्य है। स्वतंत्रता संग्राम  सेनानी संगठन बुरहानपुर उनका इस हेतु ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करता है। आज अप्रैल माह के पहली तारीख को  शालीनतापूर्वक आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाकर राष्ट्रीय गान जन-मन-गण गाया जाकर तिरंगा ध्वज को सलामी दी गई। कार्यक्रम में डॉ.प्रेमलता जगदीश गुप्ता(पूर्व विधायक शाहपुर स्व. बाबूलाल सुगंधी की सुपुत्री.) पवन पोद्दार, समाजसेवी, विजय अग्रवाल, दिनेश शत्रुघ्न चौहान, महेन्द्रसिंह भारतसिंह राजपूत, गणेश शत्रुघ्न चौहान, दीपक भागवत पाटिल, तेजस कृष्णकांत शाह, श्रीमती मीनल भावेश शाह, ऋषिकेश ठाकुर, तेजस अंकित चौहान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी सहित गणमान्य नागरिकों एवं आस- पास के निवासी उपस्थित थे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading