नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
2019 के चुनाव में महाराष्ट्र के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे की सुपुत्री रोहिणी को नकारते हुए निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रकांत पाटील को बतौर विधायक चुनकर देने वाले बोदवड़ ब्लॉक के तीस से अधिक गांवों में विकास पहुंचा नहीं है। राजस्व विभाग के रेकॉर्ड में 80 गांवों को मिलाकर बनाए गए बोदवड़ तहसील के बाशिंदे आज भी पानी खरीद कर पीते हैं। एक पानी का कैन 10,20,30 रूपए का लेना पड़ता है। लिफ्ट इरिगेशन योजना को पड़ोसी ब्लॉक के नेता ने पावर में रहते जांच के घेरे में फंसा दिया है। New India Times ने इस ब्लॉक के देहातों का दौरा किया जिसके तहत सोनोटी, आमदगांव, कोल्हाड़ी, जलचक्र, कुरहा हरदो, येवती, रेवती, सुरवाडा जैसे गांवों तक जाने के लिए सड़क हि नहीं है।
मध्य रेलवे लाइन क्रासिंग के दूसरी ओर बसें एक हजार आबादी वाले सोनोटी में पक्की सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट, स्वास्थ केंद्र, पीने के पानी की सुविधा, किताबघर इन में से कुछ भी नहीं है। क्षेत्र से भाजपा की सांसद रक्षा खडसे ने रेलवे क्रासिंग पर अंडर पास और कुछेक गांव में हायमस्ट लैंप लगवाने के अलावा कोई काम नहीं किया है। मुक्ताई नगर बोदवड़ विधानसभा के विधायक चंद्रकांत पाटील ने राजमार्ग से सटे गांवों को पक्की सड़क से जोड़ तो दिया है लेकिन दर्जनों गांवों की हकीकत जुदा है। कुछ महीनों पहले हमने आपको 22 करोड़ की लागत से बनाए गए नाडगांव उड़न हवाई ब्रिज के दुर्दशा की कहानी बताई थी। दो विधायक एक सांसद होने के बावजूद बोदवड़ विकास की पटरी पर नहीं आ सका है। NCP (SP) की ओर से बोदवड़ के रविंद्र पाटील को सांसदी देने की बात करी जा रही है। एकनाथ खडसे के राजनीतिक रसूख से महरूम इस ब्लॉक को सड़क पानी बिजली कारखाने रोजगार की गारंटी चाहिए।
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