अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि कानून- व्यवस्था को लेकर पहले से ही शर्मसार हो रही राजधानी भोपाल में एक पुलिस दंपत्ति की बेटी के साथ हुए गैंगरेप को निर्भया कांड की संज्ञा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, गृहमंत्री की नाक के नीचे हुए इस गैंगरेप ने प्रदेश में जारी बेटी बचाओ अभियान, भांजियों के मामा और पुलिस की कथित संवेदनाओं की पोल खोलते हुए उन्हें अपराधियों की ओर से दिया गया एक करारा तमाचा बताय है।
श्री मिश्रा ने पीड़िता के माता पिता पुलिस दंपत्ति की अपने ही विभाग में 24 घंटे तक एफआईआर नहीं लिखे जाने को लेकर पुलिसयाई असंवेदनशीलता पर प्रहार करते हुए कहा कि जब अपनो के प्रति ही पुलिस अधिकारियों का यह वीभत्स रूप सामने आया है तो आमजन पुलिस के व्यवहार से कितना प्रताड़ित हो रहा होगा? लिहाजा इस घटना से संबंधित उन सभी पुलिस अधिकारियों के विरूद्व राज्य सरकार को आपराधिक प्रकरण दर्ज कर दिखाई देने वाली कार्यवाही करना चाहिए। पीड़िता की मां की सक्रियता और हिम्मत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यदि वे स्वतः एक आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले नहीं करतीं तो गिरफ्त में आये अन्य अपराधियों का पकड़ा जाना भी असंभव था।
श्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में निरंतर बिगड़ती जा रही कानून-व्यवस्था के उत्तरोत्तर वृद्वि कर रहे आंकड़ों को लेकर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री सहित अन्य जबावदारों द्वारा अपने बचाव में यह कहा जाना कि प्रदेश में ये आंकड़े इसलिए बढ़ रहे हैं कि थानों में हर व्यक्ति की एफआईआर लिखी जाती है, यह सफेद झूठ इस घटना ने उजागर कर दिया है कि जब एक गैंगरेप पीड़िता के पुलिस दंपत्ति की ही इतनी गंभीर घटना को लेकर एफआईआर नहीं लिखी गई, तो इस पर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अपने उक्त कथन पर क्या अभी भी कायम हैं?
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.