अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:
जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में पोषण अभियान के अन्तर्गत पोषण/अभिसरण समिति, जिला षिक्षा अनुश्रवण समिति तथा जिला स्वच्छ भारत मिषन ग्रामीण समिति की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिये कि लाल श्रेणी के बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाये तथा समस्त सीडीपीओ को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने अपने क्षेत्रों में लाल श्रेणी के बच्चों को चिन्हांकित कर उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखे और उनके माता-पिता को पोषण संबंधी जानकारी दे। पोषण ट्रैकर पोर्टल पर सभी बच्चों का डाटा फीड करायें, उक्त कार्य में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। लाल श्रेणी के बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर राशन एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपल्ब्ध कराया जाये।
सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्री घरों पर भ्रमण करते रहें। स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए आंगनबाडी केन्द्रों को स्वच्छ रखा जाए। साफ-सफाई की आदत को बच्चों के जीवन की रोजमर्रा में शामिल करने के लिए प्रोत्साहिक करें तथा उनके अभिभावकों की काउंसिलिंग करें। सीडीपीओ को निर्देश दिये कि सभी माताओं एवं बच्चों को स्वास्थ्य सुविधायें, दवाइयां, मल्टीविटामिन आदि समय समय पर दिये जायें। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि समस्त सीडीपीओ, आंगनबाड़ी आदि अपने अपने केंद्रों पर टाइम टेबल बनाते हुए बच्चों को शिक्षा दे, उन्हें खेलकूद तथा अन्य गतिविधियों में भी निपुण किया जाये। बच्चों को खिलौने उपलब्ध कराये जायें। आशा, एएनएम तथा आंगनबाडी समन्वय स्थापित कर कुपोषण की लड़ाई को आगे बढ़ायें और सफलता दिलायें।
इसी क्रम में जिलाधिकारी ने विद्यालयों को सामाजिक, व्यक्तिगत सहयोग तथा सीएसआर के माध्यम से फर्नीचर उपलब्ध कराने के संबंध में समीक्षा की। जिस पर बीएसए ने बताया कि लगभग 840 स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध है तथा 639 स्कूलों में फर्नीचर नहीं है, जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी एवं बीएसए को निर्देष दिये कि कार्य योजना बनाते हुए आगामी सीएसआर फंड का प्रयोग छूटे स्कूलों में फर्नीचर के लिए किया जाये। सीएसआर का सही प्रयोग होना चाहिए। जिलाधिकारी ने डीबीटी की समीक्षा की तथा निर्देश दिये कि सभी बच्चों के अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से ससमय पैसा उपलब्ध कराया जाये।
श्री सिंह ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में षिक्षकों की भर्ती, स्कूलों में मेडीकल कैम्प आयोजन कराने, बच्चों की उपस्थिति आदि के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि स्कूलों में हेल्थ कैम्प नियमित रूप से लगाये जायें तथा बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को प्रेरित करें। बीएसए ने बताया कि लगभग 325 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चालू हो गई हैं। स्कूलों में अधिकाधिक छात्रों के नामांकन हेतु स्कूल चलो अभियान माह अप्रैल में वृहदरूप से चलाया जायेगा।
जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बीएसए एवं एबीएसए द्वारा सस्पेंड किये गये शिक्षकों को बहाल करने की कार्यवाही सीडीओ एवं जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें। बहाल करने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट आख्या लगाकर प्रस्तुत करें। अनावश्यक किसी भी शिक्षक को परेशान न किया जाये। यदि किसी शिक्षक को सस्पेंड किया जा रहा है, तो उसके विरूद्ध पुख्ता साक्ष्य/अभिलेख अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करें। बीएसए ने बताया कि डायट के छात्रों के माध्यम से समस्त 1536 विद्यालयों का जियो टैगिंग का कार्य किया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यों में लापरवाही हेतु एबीएसए मथुरा तथा समस्त 05 एआरपी से स्पष्टीकरण मांगा।
इसी क्रम में जिलाधिकारी ने जिला स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के अन्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज’-2 योजनान्तर्गत वर्ष 2022-23 में जनपद के 85 राजस्व गांवों (73 ग्राम पंचायत 5000 से अधिक आबादी वाले) को मॉडल ओडीएफ प्लस, आदर्श गांव बनाये जाने की समीक्षा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के अन्तर्गत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण हेतु भारत सरकार की वेबसाइट पर लक्ष्य के सापेक्ष एमआईएस फीडिंग की स्थिति एवं शौचालय के निर्माण हेतु पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से धनराशि हस्तान्तरण किये जाने की समीक्षा की गयी। निमार्णाधीन आर0आर0सी0 सेन्टर, नाली, सिल्ट चैम्बर आदि कार्यों की स्थलीय सत्यापन कर गुणवत्ता पूर्ण निर्माण किया जाये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, मुख्यु चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार वर्मा, डीसी मनरेगा विजय पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त, जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा, समस्त खंड शिक्षा अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।
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