पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (म.प्र.), NIT:
धार का किला एक ऐतिहासिक विरासत है जिसका संरक्षण और संवर्धन आवश्यक है। समाज के सहयोग से विविध सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से धार के गौरवशाली इतिहास से लोगों को परिचित कराया जा सकता है, आगामी समय में विविध सांस्कृतिक आयोजन धार किला परिसर में किए जाएंगे। यह बात कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की बैठक में कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा ने कही। आगामी समय में स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे पर्वों को किला परिसर में आयोजित किए जाने की संभावनाएं रखने के लिए श्री मिश्रा द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया। बैठक में मांडव स्थित रूपायन कला दीर्घा को व्यवस्थित कर पर्यटन सीजन में स्थानीय शिल्प और अन्य स्थानीय सामग्री विक्रय के निर्देश भी दिए गए। जिले में पाए गए करोड़ों साल पुराने जीवाश्मों से सभी को परिचित कराने के लिए फोटोग्राफ युक्त स्तरीय किताब तैयार करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। जिले में बड़ी संख्या में पुराने स्मारक निजी भूमि पर हैं जो देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो रहे हैं, ऐसे स्मारकों को भूमि मालिकों तथा स्थानीय सहयोग से पर्यटन आकर्षण का केंद्र बनाया जा सकता है। आवश्यकता है कि इस कार्य के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती सविता झनिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉक्टर इंद्रजीत बाकलवार, राज्य पुरातत्व विभाग के डॉक्टर डीपी पांडे, डीएटीसीसी के श्री प्रवीण शर्मा एवं श्री गुरुदत्त काटे सहित अन्य विभाग अधिकारी उपस्थित रहे।
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