रामपुर में दलित महापंचायत पर फिरा पानी, भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर गिरफ़्तार | New India Times

फैज़ान खान, रामपुर/नई दिल्ली, NIT:

सिलईबड़ा गांव में हुए गोलीकांड मामले में भीमसेना की बुलाई गई दलित महापंचायत को रोकने को लेकर आज रविवार को जमकर हंगामा हुआ। भीम सेना के मुखिया सतपाल तंवर और दलित महापंचायत को रोकने के लिए रामपुर के पुलिस प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। छुट्टी गए हुए पुलिस कर्मचारियों को वापिस ड्यूटी पर बुला लिया गया और हजारों की संख्या में चप्पे-चप्पे पर सादी वर्दी और वर्दी में तैनात पुलिस की टीमें सतपाल तंवर को गिरफ्तार करने के लिए रात भर से सड़कों पर दौड़ती रहीं। पुलिस ने सिलईबड़ा गांव के घर-घर में घुसकर जानकर आतंक मचाया और ग्रामवासियों को पकड़ कर अलग अलग जगहों पर नजरबंद कर लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने नजरबंद किए गए दलितों के साथ मारपीट की और जबरन खाली पेपर पर हस्ताक्षर करवाए। पुलिस ने दलितों के अलग-अलग गांवों और बस्तियों में जाकर जमकर बवाल काटा और दलित महापंचायत पर पानी फेर दिया।

उधर दलित महापंचायत के ऐलान के बाद रविवार की एक रात पहले ही रामपुर पहुंचें भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर ने पूरी रात खुफिया विभाग और पुलिस को छकाए रखा। तंवर ने तीसरी बार रामपुर में आकर पुलिस प्रशासन की नाक में दम कर दिया। एसपी राजेश द्विवेदी स्वयं सतपाल तंवर की तलाश में सड़कों पर दौड़ते रहे। एएसपी अतुल कुमार श्रीवास्तव, सीओ सिटी जितेंद्र कुमार सहित कई बड़े पुलिस अधिकारी अपनी फोर्स के साथ भीमसेना के मुखिया सतपाल तंवर की तलाश में सड़कों पर दौड़ते दिखाई दिए। साइबर पुलिस और स्थानीय पुलिस के विफल रहने के बाद भीमसेना प्रमुख सतपाल तंवर के पीछे उत्तर प्रदेश की एसटीएफ को लगाना पड़ा। आखिर में उनकी लोकेशन अमरोहा की मिलने के बाद यूपी एसटीएफ ने पूरी तरह से जाल बिछा दिया और अमरोहा के जोया से निकलते ही रामपुर की तरफ जाते हुए सतपाल तंवर की गाड़ी पर अचानक धावा बोलते हुए तंवर समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। भीम सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर के हिरासत में लेने के बाद पूरे रामपुर प्रशासन ने राहत की सांस ली। आरोप है कि इस दौरान एसटीएफ के लोगों ने अचानक सतपाल तंवर की गाड़ी पर हमला कर दिया और गाड़ी के शीशे तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने जबरन गाइड के दरवाजे खोलकर गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया और तंवर समेत भीम सेना की पूरी टीम की जबरन गिरफ्तार कर लिया।

सतपाल तंवर को रोकने के लिए यहां रामपुर की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया था। सिलईबड़ा गांव में दलित समाज के हर घर पर पुलिस को तैनात कर दिया गया था और इक्कठा नहीं होने की सख्त हिदायत दी गई थी। सतपाल तंवर सहित उनके साथियों बालकिशन, देवीदत सागर, नवाब आकाश जाटव और अमिताभ कुमार सहित गाड़ी समेत 5 लोगों को हिरासत में लेकर यूपी एसटीएफ की टीम पुलिस लाइन ले आई। बाद में उन्हें पुलिस कप्तान राजेश द्विवेदी और एएसपी अतुल कुमार श्रीवास्तव वार्ता के बाद आश्वस्त किया कि मामले में एक होमगार्ड की गिरफ्तारी हो चुकी है और पीड़ित परिवार के सरकारी कोष से 10 लाख रुपए और 4 लाख रुपए अन्य आर्थिक सहायता दिलाई जा चुकी है बाकी पूरे मामले में विवेचना चल रही है। इसके बाद सतपाल तंवर और उनके साथियों को सिविल लाइंस के एसएचओ अजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित करके रामपुर से अमरोहा के बॉर्डर पर छोड़कर जबरन वापिस दिल्ली रवाना कर दिया।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading