Edited by Maqsood Ali, मुंबई, NIT; बाबासाहेब के स्कूल के पहले दिन को ” विद्यार्थी दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर ने 7 नवंबर सन 1900 में सतारा जिले के राजवाड़ा चौक के प्रतापसिंह हाईस्कूल में प्रवेश लिया था। जिस समय उन्होंने स्कूल में प्रवेश लिया उनका उस दौरान नाम भीवा था। इस स्कूल के रजिस्टर में अब भी 1914 इस क्रमांक के सामने बाबासाहेब की हस्ताक्षर है।
स्कूल ने यह दस्तावेज अब तक संभालकर कर रखा है। बाबासाहेब के स्कूल का पहला दिन यानी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति और एक युगांतर की शुरुआत थी। उनके स्कूल में जाने के कारण ही अनेक सुशिक्षित हुए साथ ही करोड़ो दलितों का उद्दार भी हुआ। उनके स्कूल जाने के कारण ही भारत को एक बेहतरीन संविधान भी मिला।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का स्कूल में प्रवेश का दिन एक क्रांति दिन के साथ एक ऐतिहासिक घटना भी है। जिसके कारण 7 नवंबर यह दिन राज्य में ” विद्यार्थी दिन ” के रूप में मनाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। इसके अंतर्गत इस दिन विशेष पर सभी स्कूलों में बाबासाहेब के जीवन पर आधारित निबंध स्पर्धा, वक्तृत्व स्पर्धा, काव्यवाचन स्पर्धा का आयोजन करने के निर्देश शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थाओं को दिए हैं।
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