फैज़ान खान, रामपुर/नई दिल्ली, NIT:
शनिवार देर रात भीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर के सिलई बड़ागांव में दाखिल होने से अचानक प्रशासन हाई अलर्ट मोड़ पर आ गया। शहर के अम्बेडकर पार्क पर पुलिस की कई गाड़ियां लगाकर तंवर को रोकने के भरसक प्रयास किए गए। कई थाना प्रभारी और सीओ ने तंवर को रोकने के असफल प्रयास करते रहे। आखिरकार वे बड़ागांव पहुंच ही गए।
बड़ागांव में दाखिल होने से पहले सतपाल तंवर की गाड़ियों को रोक लिया गया। उनके साथ आई भीम सेना टीमों की जानकारी रजिस्टर में लिखी गई। सतपाल तंवर को कई घंटे तक नजरबंद रखा गया। आखिरकार काफी जद्दोजहद और नोंक-झोंक के बाद सतपाल तंवर को इस शर्त पर पीड़ित परिवार के पास जाने की अनुमति दी कि वे वापिस लौट जाएंगे।
लेकिन भीम सेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी। तंवर पीड़ित परिवार से मिलकर वहीं खाना खाकर ग्रामीणों के बाहर पर ठहर गए। सतपाल तंवर की बड़ागांव में मौजूदगी से पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। अधिकारी भी पूरी रात बड़ागांव में ही खाक छानते रहे और तंवर की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी गई।
सतपाल तंवर ने प्रशासन की मौजूदगी में रविवार सुबह ग्रामीणों और पीड़ित परिवार की सहमति से 17 मार्च को महासंग्राम की घोषणा करते हुए दलित महापंचायत का ऐलान कर दिया। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने भीम सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर के साथ मिलकर देश भर के बहुजन दलित समाज, सभी संगठन, संस्थाओं और विपक्षी राजनीतिक दलों से 17 मार्च को अधिक से अधिक संख्या में सिलई बड़ागांव पहुंचने की अपील की है।
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