विदर्भ से लगे बॉर्डर इलाके में सड़कें बदतर, PWD नासिक विभाग नेताओं और उनके चरणप्रियों के लिए बना सोने का अंडा देने वाली मुर्गी, तीर्थ क्षेत्र विकास योजना में किया जा रहा है पक्षपात | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

विदर्भ से लगे बॉर्डर इलाके में सड़कें बदतर, PWD नासिक विभाग नेताओं और उनके चरणप्रियों के लिए बना सोने का अंडा देने वाली मुर्गी, तीर्थ क्षेत्र विकास योजना में किया जा रहा है पक्षपात | New India Times

महाशिव रात्रि के अवसर पर जलगांव जिले के सभी शिवालयों में भाविकों का तांता लगा। जामनेर में सिंधू संस्कृती और उससे जुड़े धार्मिक राष्ट्रवाद के नाम पर उत्तर भारत की तर्ज़ पर कावड़ यात्रा का आयोजन करवाया गया। हमने पूर्णा नदी के किनारे बसे विदर्भ के मलकापुर के समीप धुपेश्वर महादेव मंदिर का रुख किया। जलगांव जिले का आखरी गांव घानखेड पीछे छोड़ने पर विदर्भ के बुलडाना जिले की सीमा कमान आपका स्वागत करती है। बोदवड़ से लेकर विदर्भ सीमा तक की 10 किमी सड़क बर्बाद हो चुकी है। जैसे ही मलकापुर ब्लॉक खामगांव PWD सीमा शुरू होती है वैसे सड़क शानदार मालुम पड़ती है। NH 53 धरणगांव से धूपेश्वर 10 किमी की सड़क का विस्तारीकरण जारी है। पांच साल पहले ये सड़क जमीदोज हो चुकी थी। सरकार की कई पे कमीशन से ग्रामीण इलाकों में सड़के बनाई नहीं बल्की चमकाई जा रही है। NH 53 से मुक्ताई नगर हो कर तापी पूर्णा संगम तट स्थित चांगदेव पहुंचने पर तीर्थ क्षेत्र विकास जैसा कुछ दिखाई नहीं दिया। मेले के कारण चांगदेव गांव से दो किमी दूर संगम स्थल जाने के लिए पैदल यात्रियों को तीन से चार घंटे का समय लग रहा था।

विदर्भ से लगे बॉर्डर इलाके में सड़कें बदतर, PWD नासिक विभाग नेताओं और उनके चरणप्रियों के लिए बना सोने का अंडा देने वाली मुर्गी, तीर्थ क्षेत्र विकास योजना में किया जा रहा है पक्षपात | New India Times

ग्रामीणों ने बताया कि इतनी ट्रैफिक तीस साल में कभी देखी नहीं। मौके पर पुलीस कहीं भी नज़र नहीं आई ऐसे में अप्रिय घटना घट सकती थी। जलगांव दौरे पर पधारे भाजपा नेता अमित शाह ने कहा था कि वोट बैंक की राजनीति के लिए काग्रेस ने संस्कृती को दबाया लेकिन मोदी जी ने मंदिर बनाया। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि महाराष्ट्र में तीर्थ क्षेत्र विकास के नाम पर करोड़ों रुपए के टेंडर जारी करने के लिए कुछ गलत किया जा रहा है वो किस बैंक की राजनीति है? देश में अनेकों प्राचीन धरोहरें हैं जो भारत की असली मूल संस्कृती की पहचान है उनके विकास के लिए समग्र प्रयास क्यों? नहीं किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार में PWD विभाग सबसे ज्यादा दिवालिया हो चुका है। इसी विभाग के सहारे सत्ता पक्ष के लोकसेवक और उनके चरणप्रेमी अधिकारी करोड़ों रूपया कमा रहे हैं। PWD का असली सच नासिक-जलगांव में छिपा है। राज्य के उत्तर महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ इन प्रादेशिक सीमावर्ती इलाकों में सड़कों की हालत बेहद खराब है। जिला परिषद डेढ़ सालों से पावर में नहीं है गांव कस्बों की सड़कें नेताओं की रहमत से आधा हम आधा तुम के फार्मूले से जीवित रखी जा रही है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading