चेहरे के साथ जिंदगी भी हुई खूबसूरत | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; ​
चेहरे के साथ जिंदगी भी हुई खूबसूरत | New India Timesजन्मजात कटे-फटे होठों और अन्य विकृतियों से जूझ रहे बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) वरदान सिद्ध हो रहा है। प्रदेश में आरबीएसके के जरिए हजारों बच्चों की न केवल विकृति दूर हुई है, बल्कि उनके आत्म-विश्वास में बढ़ोत्तरी होने से एक अच्छे भविष्य की आस जगी है।

गुना के डेढ़ वर्षीय देव की माँ श्रीमती सुमन ओझा कहती हैं कि सर्जरी के बाद अपने सुंदर सलौने बच्चे को देखकर मेरी तो जिंदगी ही बदल गई है। पहले एक तो बच्चे के विकृत चेहरे का दु:ख ही कम नहीं था, उस पर लोगों के ताने और इतने बड़े ऑपरेशन के लिए राशि का न होना, सब कुछ अंधकारमय लगता था। इसी दौरान उसने स्थानीय चिकित्सकों से सलाह की तो उन्होंने उसका प्रकरण स्वास्थ्य विभाग तक पहुँचाया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने न केवल भोपाल के एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में सुमन के बेटे के कटे-फटे होंठ एवं तालू की नि:शुल्क सर्जरी कराई, बल्कि उनके आने-जाने, रहने, खाने-पीने और दवा का खर्च भी संस्थान ने ही उठाया। पहले अपने बेटे को देखकर दु:खी हो जाने वाली सुमन को आज अपना बेटा सबसे सुंदर लगता है।

गुना की रश्मि की आप-बीती भी कुछ सुमन जैसी ही है। रश्मि के 9 माह के बेटे वेदांश के कपाल पर स्नायु ट्यूब था। बेटे की इस विकृति को देखकर लोग तरह-तरह की बाते करते, जो माँ का कलेजा छलनी कर देता, पर आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सर्जरी का महंगा खर्च उठाना संभव नहीं था। इसी बीच आरबीएसके की जानकारी मिलने पर उसने स्वास्थ्य विभाग से सम्पर्क किया। रश्मि वेदांश को लेकर इंदौर आयी, जहाँ उसका नि:शुल्क ऑपरेशन हुआ। आज उसका बेटा विकृति से मुक्त हो चुका है। रश्मि खुश है कि बड़े होने पर बच्चे को विकृति का त्रास नहीं झेलना पड़ेगा।
गुना जिले में आरबीएसके के तहत 112 बच्चों की मुफ्त सर्जरी हो चुकी है। जन्म से 18 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों का इसमें नि:शुल्क उपचार कराया जाता है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading