नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
वित्तिय साल के अंत में टैक्स का पैसा वसूल करने को लेकर सरकार के तमाम विभाग काम पर लग गए हैं। जामनेर नगर परिषद की ओर से सरकारी नियम के मुताबिक़ बकाया रकम पर 2% ब्याज निर्धारित किया गया है। मुहिम मे पक्षपात किए जाने का आरोप लगाते हुए भारत रेशवाल ने नगर परिषद को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पेशे से टीचर भारत ने सोशल मीडिया संदेश में लंबित वसूली के एक मामले को कोट किया है। कहा है कि भाजपा के कार्यकर्ता सुभाष पवार पर सरकार का 2019-20 पखवाड़ा बाजार वसूली नीलामी ठेके का 12 लाख 61 हज़ार 200 रूपया बाकी है।
12 मार्च 2020 को निगम सदन ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर सरकारी रकम वसूलने का प्रस्ताव पारित किया। नियम 152 तहत नोटिस जारी की गई फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ। DM ऑफिस से नगर परिषद को बार बार कहा गया कि दोषी ठेकेदार से रकम वसूली जाए और कार्रवाई हो। अपने संदेश में भारत ने प्रशासन से सवाल पूछा है की लंबित टैक्स रकम के लिए आम टैक्स पेयर्स से 2% ब्याज वसूलना सही है तो भाजपाई ठेकेदार से भी सख्ती से 2% ब्याज लगाकर लंबित रकम वसूली जानी चाहिए। भारत के इस संदेश को तमाम पाठकों के बिच काफ़ी पढ़ा और सराहा जा रहा है।
जामनेर अकाल श्रेणी में है? महाराष्ट्र के कुछ तहसीलों में अकाल घोषित किया गया था तब जामनेर छूट गया था काफ़ी हो हल्ला मचा। भाजपा के सुपर क्लास वन नेता गिरिश महाजन के निर्वाचन क्षेत्र जामनेर को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है या नहीं? इस सवाल का सवाल और जवाब दोनों गायब है। अगर सुखा घोषित होता तो लंबित टैक्स रकम पर आंके जा रहे 2% ब्याज में छूट मिलती, किसानों मज़दूरों को सरकार से कई रियायतें मिलती। आचार संहिता लागू होने से पहले प्रशासन यह साफ़ कर दे की सुखा क्षेत्रों में जामनेर शामिल है या नहीं।
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