रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
बुरहानपुर केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद् आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के अधीन नैदानिक चिकित्सा अनुसंधान एकक बुरहानपुर में आज हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला का विषय “नशा-भारतीय संस्कृति के लिये अभिशाप” रहा। उपरोक्त कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी एवं नशा मुक्ति केंद्र के संचालक डॉ. मनोज अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये नशा मुक्ति पर विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि कई युवा बुरे व्यसनों की लत का शिकार होकर अपना भविष्य तो बर्बाद कर ही रहे हैं। इसके साथ ही गुनाह की राह पर भी आगे बढ़ रहे हैं जो हमारे लिए चिंता का विषय है।
आज आवश्यकता इस बात की है कि नशे के आदी लोगों को, खासकर युवाओं को सही राह दिखाकर उन्हें नया जीवन देने के लिए पूरा समाज इस दिशा में जिम्मेदारी से सामूहिक प्रयास करें। साथ ही स्वामी विवेकानंद जी का उदाहरण देते हुये मातृ भाषा का सम्मान करने तथा हिन्दी में कार्य करने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुसंधान अधिकारी प्रभारी डॉ. यास्मीन फातिमा द्वारा की गई। जिन्होंने अपने उद्बोधन में बताया की इकाई में होने वाले सभी कार्यालयीन कार्यों में हिन्दी का उपयोग अधिक से अधिक करने पर ज़ोर दिया। साथ ही सभी कर्मचारियों को हिन्दी भाषा में कार्य करने पर सराहना की गई। कार्यक्रम के अंत में सभी कर्मचारियों को हिन्दी भाषा में अधिक से अधिक कार्य करने के लिये डायरी एवं पेन वितरित की गई। कार्यक्रम में डॉ. हैदर अली अंसारी के द्वारा इकाई का परिचय देते हुये इकाई में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमति दलजीत शर्मा द्वारा किया गया और आभार प्रदर्शन हितेश सोनी द्वारा किया गया। कार्यशाला में इकाई के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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