मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श, प्रेरणा और ऊर्जा है। जो आदर्श शिवाजी महाराज ने स्थापित करा, वह देश के लिए, धर्म के लिए, गरीबों, प्रकृति और संस्कृति के लिए स्थापित किया। शिवाजी महाराज का राज और आदर्श आज भी क़ायम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानते हैं। शिवाजी महाराज कहते थे कि स्वराज की स्थापना हो यह भगवती की ईच्छा है। संत नामदेव महाराज, ज्ञानेश्वर महाराज, समर्थ रामदास स्वामी, तुकाराम महाराज की भक्ति का जो मीठा रस भारत माता को मिला, वह छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में मिला।
यह बात भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने कही। स्वराज संस्थापक श्री छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव के अवसर पर बुरहानपुर जिलेभर में आयोजित कार्यक्रम, शोभा यात्राओं, आयोजनों में श्रीमती अर्चना चिटनिस ने शिरकत कर अपने विचार रखें। साथ ही ग्राम बंभाड़ा में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। लालबाग रोड पर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा पर भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सहभागी हुई। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमेशा जनहित, राजहित और राष्ट्रहित में काम किया। उनका सारा जीवन हर भारतवासी के लिए गौरव और प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि देश के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा, न्याय एवं नीति संगत साम्राज्य की स्थापना तथा सभी के लिए सम्मान आदर भाव हमारे लिए आदर्श है। उन्होंने कहा कि सिकंदर, नेपोलियन सबको एकत्रित भी कर ले तो शिवाजी महाराज की श्रेष्ठता और आदर्श उनसे बहुत उंचा है।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, भारत के इतिहास के शिखर-पुरुष तो हैं ही, बल्कि भारत का वर्तमान भूगोल भी उनकी अमर गाथा से प्रभावित है। ये हमारे अतीत का, हमारे वर्तमान का, और हमारे भविष्य का एक बहुत बड़ा प्रश्न है, कि अगर शिवाजी महाराज न होते तो क्या होता? छत्रपति शिवाजी महाराज के बिना भारत के स्वरूप की, भारत के गौरव की कल्पना भी मुश्किल है। जो भूमिका उस कालखंड में छत्रपति शिवाजी की थी, वही भूमिका उनके बाद उनकी प्रेरणाओं ने, उनकी गाथाओं ने निरंतर निभाई है। शिवाजी महाराज का ‘हिंदवी स्वराज‘ सुशासन का, परकीय अत्याचार को पराजित करने का अप्रतिम उदाहरण है।
विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों से उपस्थितजनों को अवगत कराते हुए कहा कि जो धर्म, सत्य और परमेश्वर के सामने झुकता है, उसका आदर समस्त संसार करता है। साथ ही जो मनुष्य समय के कुचक्र में भी पूरी शिद्दत से अपने कार्यों में लगता रहता है उसके लिए समय खुद बदल जाता है। जब हौंसले बुलंद हो तो, पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के अदम्य साहस, अद्भुत शौर्य और असाधारण बुद्धिमत्ता की गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी। एक कुशल शासक, योग्य सेनापति, अदभुत संगठक जिन्होंने सर्वसमावेशी हिंदवी स्वराज की स्थापना हेतु अपना जीवन समर्पित किया। उनका अतुल्य शौर्य सदैव हम सब के लिए प्रेरणादायी रहेगा। छत्रपति शिवाजी ने सूबे-गांव-क्षेत्र और समाज से उपर उठकर देश और भारत भूमि की एकता-अखंडता के लिए जीवन जिया। पराधीनता की मानसिकता को तोड़कर आजाद होने की तमन्ना जगाने में शिवाजी महाराज अग्रणी ही नहीं वरन् संघर्ष कर सम्पूर्ण देश से विदेशी आक्रान्ताओं को खदेड़ा। समय, काल, परिस्थिति अनुसार युद्ध और मैदान को जीतने की रणनीति ने ही शिवाजी को छत्रपति और महाराज बनाया। अपने सहयोगियों पर विश्वास और मां के मार्गदर्शन से ही उन्होंने हर जंग को जीता।
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